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WHO ने निलंबित किया इंसानों पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का परीक्षण, भारत से कई देशों ने मंगाई थी ये दवा

Updated May 26, 2020 | 09:08 IST

WHO suspends hydroxychloroquine Trial: विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का इंसानों पर परीक्षण अस्थाई रूप से निलंबित कर दिया है। भारत से कई देशों ने ये दवा मंगाई थी।

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WHO ने रद्द किया हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का ट्रायल
मुख्य बातें
  • एक अध्ययन के सामने आने के बाद WHO ने निलंबित किया हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का परीक्षण
  • दवा के इस्तेमाल से मरीजों के मरने की संभावना बढ़ने का खतरा
  • अमेरिका, इज़रायल सहित भारत से कई देशों ने मंगाई थी दवा

जिनेवा: दुनिया महामारी के संकट से हलकान है और हर देश जल्द से जल्द कोरोना की काट ढूंढने में लगा हुआ है। ऐसे में कई जगहों पर जानवरों और इंसानों पर दवाओं के ट्रायल किए जा रहे हैं। कुछ समय पहले तक ऐसा लग रहा था कि भारत में बड़ी मात्रा में उत्पादित होने वाली हाइड्रोसक्सीक्लोरोक्वीन दवा कोविड-19 के इलाज में क्रांतिकारी साबित हो सकती है, अमेरिका की ओर से भी इस बात के संकेत दिए गए थे और इसके बाद कई देशों ने भारत से इस दवा की खरीद की थी। लेकिन फिलहाल विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस दवा के इंसानों पर परीक्षण करने पर अस्थाई रूप से रोक लगाते हुए ह्यूमन ट्रायल को निलंबित कर दिया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमवार को एहतियात के तौर पर COVID -19 के उपचार के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरिक्लीन के अस्थाई रूप से ​​परीक्षणों को निलंबित कर दिया। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस एडनॉम घेबियस ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि लैंसेट में एक अध्ययन के पिछले सप्ताह प्रकाशित होने के बाद यह संकेत मिला कि कोविड​​-19 रोगियों पर दवा का उपयोग करने से उनके मरने की संभावना बढ़ सकती है।

क्या बोले WHO प्रमुख:

टेड्रोस ने कहा, 'कार्यकारी समूह ने सॉलिडैरिटी ट्रायल के भीतर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का एक अस्थाई ठहराव लागू किया है, जबकि डेटा सुरक्षा निगरानी बोर्ड द्वारा सुरक्षा डेटा की समीक्षा की जाती है। अन्य दवाओं का परीक्षण जारी है।' 

कई देशों ने भारत से मंगाई थी हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन:

गौरतलब है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन आमतौर पर गठिया का इलाज करने के लिए उपयोग की जाती है, लेकिन सार्वजनिक आंकड़ों की घोषणा के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह घोषणा की थी कि वह ये दवा खरीद रहे हैं और उनके इस फैसलने ने दुनिया की अन्य सरकारों को भी दवा खरीदने के लिए प्रेरित किया। भारत इस दवा के सबसे बड़े उत्पादक देशों में से एक है इसलिए भारत से कई देशों ने इस दवा को सप्लाई करने का अनुरोध करते हुए ऑर्डर दिया था।