दुनियाभर में आतंक का पर्याय बन चुका इस्लामिक स्टेट (IS) का सरगना अबु बकर अल-बगदादी मारा जा चुका है। अमेरिकी सेना के साथ संघर्ष के दौरान उसने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया। माना जा रहा है कि बगदादी के अंत से इस खूंखार आतंकी संगठन की गतिविधियों पर गहरा असर पड़ेगा, जैसा कि 2011 में ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद अलकायदा के साथ हुआ।
अलकायदा सरगना लादेन को अमेरिकी नेवी सील्स ने 2 मई, 2011 को पाकिस्तान के एबटाबाद में मार गिराया था, जहां वह अपने परिवार के सदस्यों के साथ छिपकर रह रहा था।
लादेन के मारे जाने के बाद जहां अलकायदा की गतिविधियां दुनियाभर में सीमित हुईं, वहीं, इस्लामिक स्टेट (IS) आतंक के नए पर्याय के रूप में सामने आया, जिसकी अगुवाई अबु बकर अल बगदादी कर रहा था।
लादेन और बगदादी, दोनों के मारे जाने के मामले में कई समानताएं देखने को मिल रही हैं। लादेन के मारे जाने की खबर ऐसे समय में सामने आई थी, जबकि अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव होना था और तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा फिर से मैदान में थे।
तब ओबामा की विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और कई सीनियर अधिकारियों के साथ लादेन के खिलाफ अमेरिकी नेवी सील्स के पूरे ऑपरेशन को देखने की एक तस्वीर खूब वायरल हुई थी, जिसे अमेरिकी प्रशासन ने आधिकारिक रूप से जारी किया था।
अब एक बार फिर बगदादी के खिलाफ यह अभियान ऐसे समय में हुआ है, जबकि अमेरिका में फिर से राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं, जिसके लिए ट्रंप एक बार फिर अपनी दावेदारी का ऐलान कर चुके हैं। ट्रंप प्रशासन की ओर से भी रविवार को कुछ वैसी ही तस्वीर सामने आई।
यह तस्वीर व्हाइट हाउस के सिचुएशन रूम की है, जिसमें ट्रंप अपने 5 वरिष् राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के साथ शनिवार को सीरिया के इदलिब प्रांत में बगदादी के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशंस की निगरानी करते देखे गए।
ऐसे में सवाल उठने लगे हैं कि क्या इस ऑपरेशन के लिए जानबूझकर यह समय तय किया गया? इस ऑपरेशन के बाद ट्रंप जहां अपनी पीठ थपथपा रहे हैं, वहीं डेमोक्रेट्स नेताओं ने अभियान का पूरा श्रेय अमेरिकी सैन्य बदलों को दिया है।