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डॉल्फिन हैं काला सागर में रूस की 'तीसरी आंख', पुतिन की 'मिलिट्री ट्रेंड डॉल्फिन' करती हैं जासूसी

Updated Apr 28, 2022 | 20:25 IST

रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध के बीच रूस ने सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण काला सागर में अपनी ट्रेंड मिलिट्री डॉल्फिन को उतार दिया है। ये डॉल्फिन यूक्रेन की गतिविधियों पर नजर रख रही हैं। पुतिन की यह ट्रेंड जासूस है।

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मुख्य बातें
  • रूस की जासूस समंदर में रहती है।
  • डॉल्फिन यूक्रेन की साजिश पर नजर रखती है।
  • डॉल्फिन समंदर में पुतिन की 'KGB एजेंट' है।

धाकड़ एक्सक्लूसिव में अब बात रूस की ऐसी KGB एजेंट की जो हर पल, हर वक्त समंदर में रहती हैं। उनकी निगाहों से दुश्मन की कोई भी साजिश बच नहीं पाती। रूस की ये KGB एजेंट हैं डॉल्फिन मछलियां हैं। जी डॉल्फिन मछलियां, जिन्हें रूस ने यूक्रेन के खिलाफ काला सागर में तैनात कर रखा है। ये डॉल्फिन मछलियां रूस के लिए समंदर में जासूसी करती हैं और दुश्मन के किसी भी संभावित खतरे से रसियन नेवी को अलर्ट करती हैं। समंदर में पुतिन की ये KGB एजेंट बेहद खूबसूरत तो है लेकिन हैं बहुत सतर्क। 

समंदर की ये सुंदर जीव देखने बेहद खूबसूरत होती हैं और ये जब समंदर में अठखेलियां करती हैं तो देखने वाले भी रोमांच से भर जाते हैं। डॉल्फिन मछलियां किसी पर हमला नहीं करतीं और ये आक्रामक भी नहीं होतीं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि ये डॉल्फिन मछलियां किसी जासूस से कम नहीं होतीं। तभी तो रूस ने इन डॉल्फिन मछलियों को अपनी खुफिया एजेंसी KGB का एजेंट बना रखा है ? यकीन नहीं होता तो आपको रूस से आई एक हैरान करने वाली खबर को देखना चाहिए।

समंदर में रूस की 'डॉल्फिन जासूस'

रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण युद्ध के बीच रूस ने सामरिक रूप से महत्त्वपूर्ण काला सागर में अपनी ट्रेंड मिलिट्री डॉल्फिन को उतार दिया है। जी हां ट्रेंड मिलिट्री डॉल्फिन। रूस की नौसेना ने अपनी ट्रेंड डॉल्फिंस को काला सागर में सेवेस्तोपोल हार्बर पर तैनात किया है। रूस की डॉल्फिन मछलियां समंदर में रहकर दुश्मन की हर आहट पर रूस को अलर्ट करती हैं। रूस की समंदर वाली KGB एजेंट का खुलासा सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ है। 

यूएस नेवल इंस्टीट्यूट ने काला सागर में सेवेस्तोपोल बंदरगाह की सैटेलाइट तस्वीरों की जांच की और ये चौंकाने वाली जानकारी दी है। सैटेलाइट तस्वीर के मुताबिक सेवेस्तोपोल हार्बर के एंट्री प्वाइंट पर डॉल्फिन मछलियां निगरानी करती हैं क्योंकि यही वो एंट्री प्वाइंट है जहां से कोई जहाज, पनडुब्बी या फिर युद्धपोत रूस के सेवेस्तोपोल नेवल बेस पर एंट्री कर सकता है।

सेवेस्तोपोल काला सागर में रूस का सबसे रणनीतिक नौसेना का अड्डा है। एक तौर पर मान सकते हैं कि इसी नौसेना अड्डे के दम पर रूस काला सागर पर राज करता है और इसीलिए हार्बर के एंट्री प्वाइंट पर एक नहीं बल्कि दो -दो ट्रेंड डॉल्फिन को जासूसी के लिए तैनात किया गया है।

सैटेलाइट तस्वीरों की जांच में पाया गया है कि यूक्रेन पर रूस के हमले की शुरुआत में दो डॉल्फिंस को नौसेना के अड्डे पर ले जाया गया था। जो सैटेलाइट तस्वीरें सामने आई हैं। उसमे रूस का जंगी जहाज मोस्कवा भी दिख रहा है। मोस्कवा हाल ही में यूक्रेन के हमले में दुर्घटना का शिकार हो गया था जिसके बाद वो डूब गया था। सेवेस्तोपोल पर रूस की परमाणु पनडुब्बियां, जंगी जहाज हर पल तैनात रहते हैं और इन्हें यूक्रेन के हमले से बचाने के लिए रूस ने जासूस डॉल्फिंस को सबसे महत्त्वपूर्ण ड्यूटी पर लगाया है। 

अब सवाल है कि जब रूस के पास परमाणु पनडुब्बी है तो फिर डॉल्फिंस का इस्तेमाल क्यों ? इस सवाल का जवाब रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के एक पुराने वीडियो से मिल जाएगा । इस वीडियो में पुतिन डॉल्फिंस को खाना खिला रहे हैं । डॉल्फिंस के करतब देख रहे हैं और इतना ही नहीं उनकी कुछ तस्वीरें भी सामने आई थीं..जिसमें वो डॉल्फिन के साथ समंदर में नहाते हुए भी दिखे थे। दरअसल डॉल्फिन मछली खूंखार नहीं होती, पालतू जानवरों की तरह होती है। जैसे कुत्ते या बंदर को ट्रेंड किया जा सकता है वैसे ही डॉल्फिंस को भी आसानी से ट्रेंड किया जा सकता है।

डॉल्फिंस की खूबी होती है कि वो पानी के अंदर शांत तरीके से चलती हैं । डॉल्फिंस में पानी के अंदर माइंस का पता लगाने की क्षमता भी होती है । इतना ही नहीं उनके शरीर पर सेंसर्स लगाकर भी दुश्मन की पनडुब्बियों का पता आसानी से लगाया जा सकता है । विदेशों में कुछ एम्युजमेंट पार्क में डॉल्फिंस तो अपने ट्रेनर के इशारे पर करतब भी दिखाती हैं।  ये तस्वीरें बताती हैं कि डॉल्फिन मछलियां इंसान के इशारे पर चलती हैं और शायद डॉल्फिंस की इन्हीं खूबियों की वजह से रूस ने इन बेहद खूबसूरत समुद्रीय जीव को काला सागर में अपना खुफिया जासूस बनाकर उतारा है।