खुशखबरी! मोटर वाहन डॉक्यूमेंट्स की वैलिडिटी 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ी

मोटर वाहन अधिनियम के तहत अनिवार्य ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, वाहन फिटनेस इत्यादि दस्तावेजों की वैधता बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दी गई है।

Good News! Validity of Motor Vehicle Documents increased till 31 December 2020
मोटर वाहन दस्तावेजों की वैधता की समय सीमा बढ़ी  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली : सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 के अंतर्गत फिटनेस, परमिट, ड्राइविंग लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन या अन्य दस्तावेजों की वैधता को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 तक करने का फैसला किया है। इससे पहले मंत्रालय द्वारा मोटर वाहन अधिनियम, 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम, 1989 से जुड़े हुए दस्तावेजों की वैधता को बढ़ाने के संबंध में इस वर्ष 30 मार्च और 9 जून को परामर्श जारी किया गया था।

इससे पहले जून में इसे 30 सितंबर तक के लिए बढ़ाया गया था। देश भर में कोविड-19 के प्रसार की रोकथाम के लिए आवश्यक शर्तों के कारण और अभी तक व्याप्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए यह फैसला किया गया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के आधिकारिक बयान के मुताबिक जिन दस्तावेजों की वैधता 1 फरवरी 2020 के बाद समाप्त हो चुकी है या 31 दिसंबर 2020 तक समाप्त हो जाएगी। वह 31 दिसंबर 2020 तक वैध माना जाएंगे। संबंधित प्राधिकारियों को इन्हें 31 दिसंबर 2020 तक वैध मानने का परामर्श दिया गया है।

मोटर वाहन अधिनियम 1988 और केंद्रीय मोटर वाहन नियम 1989 के अंतर्गत फिटनेस, परमिट, लाइसेंस, पंजीकरण या अन्य दस्तावेज अनिवार्य होते हैं। इससे पहले मंत्रालय ने 30 मार्च और 9 जून को भी आदेश जारी कर इनकी वैधता बढ़ायी थी। 09 जून को जारी आखिरी परामर्श में इसे बढ़ाकर 30 सितंबर 2020 कर दिया गया था।

देश भर में कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए आवश्यक शर्तों के कारण और अभी तक व्याप्त स्थिति को ध्यान में रखते हुए, यह भी सलाह दी गई है कि उपरोक्त सभी दस्तावेजों की वैधता को लॉकडाउन के कारण बढ़वाना संभव नहीं हो सका है या इसकी इजाजत नहीं दी जा सकी है और जिनकी वैधता 1 फरवरी, 2020 के बाद समाप्त हो गई है या 31 दिसंबर 2020 तक समाप्त हो जाएगी, इनको 31 दिसंबर 2020 तक वैध माना जाएगा। संबंधित प्राधिकरण को सलाह दी गई है कि वे 31 दिसंबर 2020 तक ऐसे दस्तावेजों को वैध मानें। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा उठाए गए इस कदम से नागरिकों को परिवहन संबंधी सेवाओं का लाभ प्राप्त करने में सहायता मिलने की उम्मीद है।

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