मोटर व्हीकल एक्ट राज्यसभा में हुआ पास, पहले के मुकाबले देना होगा ज्यादा जुर्माना

ऑटो
अभिषेक मिश्रा
Updated Aug 01, 2019 | 16:11 IST

मोटर व्हीकल एक्ट संशोधन 2019 को राज्यसभा में मंजूरी मिल गई है। इस बिल में कई नए प्रावधन जोड़े गए हैं, जिसके तहत अब पहले के मुकाबले ज्यादा जुर्माना देना होगा। हालांकि अभी इस बिल का लोकसभा में पास होना बाकी है।

Motor Vehicles act
मोटर व्हीकल एक्ट राज्यसभा में पास हो गया है 
मुख्य बातें
  • मोटर व्हीकल एक्ट संशोधन के साथ राज्यसभा में पास हो गया है। ये विधेयक 23 जुलाई को लोकसभा में पास हुआ था।
  • इस विधेयक में शराब पीकर गाड़ी चलाने, ओवर लोडिंग, नाबालिग के गाड़ी चलने पर कड़े जुर्माने का प्रावधान है।
  • बिल में कुछ बदलाव किए गए हैं, जिसके कारण इसे लोकसभा में दोबारा पास करना होगा।

नई दिल्ली: देश में सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कठोर प्रावधानों वाले मोटर व्हीकल एक्ट (संशोधन) 2019 को बुधवार को राज्यसभा में मंजूरी मिल गई है। ये विधेयक पिछले हफ्ते लोकसभा में पास हुआ था, लेकिन कुछ त्रुटियों के कारण इसमें संशोधन किया गया है। जिसके कारण इस विधेयक को दोबारा लोकसभा में पास करना होगा। सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सदन में कहा कि सरकार का मोटर व्हीकल एक्ट संशोधन बिल के माध्यम से राज्य सरकार के अधिकार में दखल देने का कोई इरादा नहीं है। इसके विभिन्न प्रावधानों को लागू करना राज्यों की मर्जी पर निर्भर करता है। केंद्र सरकार की कोशिश राज्य के साथ मिलकर परिवहन व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव और एक्सिडेंट कम करने की है। 

संशोधन में एक्सिडेंट को कम करने के लिए कठोर प्रावधान किए गए हैं। इस एक्ट में नाबालिगों द्वारा वाहन चलाने, बिना लाइसेंस वाहन चलाने, स्टंट (खतरनाक ढंग) से वाहन चलाने, शराब पीकर गाड़ी चलाना, तेज (निर्धारित सीमा से ज्यादा) गाड़ी चलाना और ज्यादा लोगों को बैठाना, ओवर लोडिंग जैसे मामलो पर कड़ा जुर्माना लगाने का प्रावधान है। 

मोटर व्हीकल एक्ट में एंबुलेंस जैसी इमरेंजी वाहनों को रास्ता ना देने पर भी जुर्माने का प्रावधान है। यानी अगल आप ट्रैफिक में किसी इमरेंजी वाहन को रास्ता नहीं देते हैं तो आप पर जुर्माना लग सकता है। वहीं इसमें गाड़ी तेज चलाने, बिना बिमा पॉलिसी के वाहन चलाने और बिना हेलमेट के वाहन चलाने पर जुर्माना एवं लाइसेंस सस्पेंड (निर्धारित समयावधि के लिए) का प्रावधान है।  

बजाज एलियांज जनरल इंश्योरेंस के सीईओ तपन सिंघल ने कहा, 'सभी वाहनों के लिए इंश्योरेंस ना होने पर जुर्माने को 1 हजार रुपए से 2 हजार रुपए करने का सरकार के ये कदम सराहनीय है। मुझे विश्वास है कि इससे समाज का अच्छा होगा। सड़क हादसों की संख्या काफी ज्यादा है, हमें उम्मीद है कि जुर्माने में हुई इस वृद्धि से ज्यादा से ज्यादा लोग इंश्योरेंस कराएंगे। दुर्भाग्य से यदि कभी हादसा होता है तो पीड़ित को बेहतर मुआवजा मिल सकेगा, जो बिना इंश्योरेंस मिलना मुश्किल है और पूरे समाज का सरकार के इस कदम से भला होगा। इससे ना केवल थर्ड पार्टी इंश्योरेंस बढ़ेंगे बल्कि समाज को भी इसका लाभ मिलेगा।'

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यदि कोई नाबालिग गाड़ी चलाते हुए पकड़ जाता है या सड़क पर किसी अपराध की स्थिति में गाड़ी के मालिक और नाबालिग के पैरेंट्स को दोषी माना जाएगा। ऐसी स्थिति में वाहन का रजिस्ट्रेशन तक कैंसल हो सकता है। साथ ही एक्ट में मोटर व्हीकल फंड के गठन की बात भी कही गई है, जिसमें भारतीय रोड का इस्तेमाल करने वालों को आनिवार्य रूप से बीमा कवर प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त यातायात नियमों में उल्लंघन पर भारी जुर्माना लगाए जाने का प्रावधना है। इस बिल में पहले लगने वाले जुर्माने को भी बढ़ाया गया है। 

सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि सराकर इलेक्ट्रिक बसों को संचालित करने की कोशिश कर रही है। इससे आम लोगों को सस्ती और सुविधाजनक सेवा मिलेगी। उन्होंने कहा कि परिवहन क्षेत्र में पैसों की जरूरत है, लेकिन केंद्र और राज्य सरकार के पास पैसे नहीं हैं। ऐसे में कम ब्याज पर निजी क्षेत्र से निवेश लाना होगा। 

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