इलेक्ट्रिक स्कूटर और कार में अब नहीं लगेगी आग, जानें एक अक्टूबर से क्या होंगे बदलाव?

ऑटो
साकेत सिंह बघेल
Updated Sep 02, 2022 | 17:18 IST

EVs में आग लगने की काफी घटनाएं सामने आने के बाद सरकार ने मामले की जांच के लिए एक समिति का गठन किया था। अब इस समीति ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और नए नियम 1 अक्टूबर से लागू होने वाले हैं।

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EVs के लिए नए नियम 1 अक्टूबर से लागू होंगे (Photo- UnSplash) 
मुख्य बातें
  • EVs में आग लगने की घटनाएं काफी ज्यादा हो रही थीं
  • सरकार ने किया था समिति का गठन
  • 1 अक्टूबर से लागू होंगे नए स्टैंडर्ड्स

New Safety Standards For EVs: इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में आग लगने की काफी घटनाओं के बाद सरकार ने सुरक्षा दृष्टि से इन मामलों की जांच के लिए एक सीमिती का गठन करने का निर्देश दिया था। अब सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Morth) ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) बैटरी से संबंधित अतिरिक्त सुरक्षा आवश्यकताओं की घोषणा की है। ये नए सेफ्टी स्टैंडर्ड्स 1 अक्टूबर 2022 से लागू हो जाएंगे। 

इस साल अप्रैल में Ola Electric, Okinawa Autotech और PureEV जैसे निर्माताओं के इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर्स में आग लगने के मामले सामने आए थे। इसके बाद ही सरकार ने जांच के लिए पैनल गठन करने का निर्णय लिया था। 

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क्या कहते हैं नए नियम?

समिति ने 29 अगस्त को अपनी रिपोर्ट सौंपी थी और ये सुरक्षा के ये नए नियम इलेक्ट्रिक पावरट्रेन वाले कैटेगरी L व्हीकल्स, कैटेगरी M और कैटेगरी N व्हीकल्स पर लागू होंगे। कैटेरगी L में चार से कम चक्कों वाली गाड़ियां आती हैं। वहीं, कैटेगरी M और N में 4 चक्कों वाली गाड़ियां आती हैं जिनका इस्तेमाल पैसेंजर और सामनों के लिए किया जाता है। 

किए गए संशोधनों में बैटरी सेल, ऑन-बोर्ड चार्जर, बैटरी पैक के डिजाइन और आंतरिक सेल शॉर्ट सर्किट से आग लगने के कारण थर्मल प्रसार से संबंधित अतिरिक्त सुरक्षा आवश्यकताएं शामिल हैं। एक अक्टूबर 2022 से संबंधित श्रेणियों के इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए संशोधित मानकों को अनिवार्य करने की नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। 

सेफ्टी फ्यूज: एक और जरूरी सुरक्षा उपाय जो सरकार की ओर सेपेश किया गया है, उसमें एक 'सेफ्टी फ्यूज' का अनिवार्य रूप से शामिल होना है। ये ज्यादा गर्मी पैदा होने या हाई करंट आउटफ्लो के मामले में पावरट्रेन से बैटरी को उड़ा देगा और तुरंत डिस्कनेक्ट कर देगा।

चार एडिशनल सेंसर्स: EVs में अब चार एडिशनल सेंसर्स भी होंगे। ये बैटरी सिस्टम में आ रही किसी भी दिक्कत की स्थिति में तुरंत परेशानी की पहचान करने में मदद करेंगे। ये सेंसर व्हीकल के कंसोल पर एक एरर शो करेगा जो ड्राइवर को आवश्यक सुधारात्मक या उपचारात्मक उपाय करने के लिए सचेत करेगा।

बैटरी सेल्स के बीच दूरी: नए नियमों में इलेक्ट्रिक व्हीकल बैटरी में यूज की जाने वाली दो बैटरी सेल्स के बीच दूरी बढ़ाने के लिए भी कहा गया है। रिचार्जेबल एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (RESS) में थर्मल रनवे की स्थिति में गर्मी को निकलने में मदद करने और सेल्स को अलग करने में मदद करने के लिए पैनल द्वारा इसकी सिफारिश की गई है।

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एडिशनल BMS फीचर: इलेक्ट्रिक पावर ट्रेन से लैस सभी टू-व्हीलर्स को ओवर-वोल्टेज, ओवर-चार्ज, ओवर-डिस्चार्ज, ओवर-टेम्परेचर, ओवर-करंट और शॉर्ट सर्किट प्रोटेक्शन की सुविधाओं के साथ एक एडवांस्ड बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम की जरूरत होगी। 

चार्जर के लिए ऑटो कट-ऑफ फीचर: इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जर्स को चार्ज वोल्टेज कट-ऑफ के साथ-साथ टाइम-बेस्ड चार्ज कट-ऑफ फंक्शन को शामिल करने के लिए फिर से डिजाइन किया जाएगा। इससे RESS को ओवरचार्जिंग से बचने में मदद मिलेगी।

ड्राइवर्स के विए वॉर्निंग सिस्टम: Evs को सेल के थर्मल रनवे के मामले में थर्मल घटनाओं या गैसों का जल्द पता लगाने के लिए ऑडियो-विजुअल अलर्ट से लैस होना होगा।

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