पेट्रोल-डीजल की कीमतें 7वें आसमान पर, इलेक्ट्रिक कार चलाना होगा सस्ता? जानिए गणित

ऑटो
रामानुज सिंह
Updated Feb 18, 2021 | 11:57 IST

देश में पेट्रोल और डीजल के दाम तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में इलेक्ट्रिक कार चलाना सस्ता होगा? यहां जानिए गणित।

Petrol and diesel prices on 7th sky, will electric car be cheaper? Know math
इलेक्ट्रिक कार  |  तस्वीर साभार: BCCL

भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें रॉकेट की तरह सीधे ऊपर आसमान में जा रही हैं। यह कितनी ऊंचाई तक जाएगी फिलहाल कहना मुश्किल है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें आम जनता को सोचने पर मजबूर कर दिया है कि पेट्रोल-डीजल की गाड़ियां चलाएं या नहीं चलाएं। अब लोगों के पास इलेक्ट्रिक वाहनों का विकल्प भी मौजूद है। लेकिन देखना यह है कि इलेक्ट्रिक वाहन चलाने में सस्ता होगा या पेट्रोल-डीजल की गाड़ियां। इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए बुनियादी ढांचा अभी भी एक समस्या है, लेकिन आज हम इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग करने के बारे में अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न पर ध्यान केंद्रित करते हैं। 

आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार, इलेक्ट्रिक वाहन (Electric vehicle) चलाना पारंपरिक वाहनों की तुलना कम लागत आएगी ऐसा प्रतीत होता है - कम से कम पेपर पर। रिपोर्ट में कहा गया है कि पेट्रोल की कीमतों में हालिया वृद्धि 100 रुपए प्रति लीटर से पार जाने के लिए तेजी से बढ़ी रही है, जबकि डीजल वर्तमान में 80 प्रति लीटर से अधिक है। इसकी तुलना में, इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की लागत करीब 1 रुपए प्रति किलो मीटर, पेट्रोल वाहनों के लिए 9 रुपए प्रति किलो मीटर, डीजल वाहनों के लिए 6 रुपए प्रति किलो मीटर और सीएनजी पर चलने वाले वाहनों के लिए करीब 2.5 रुपए प्रति किमी आती है। इलेक्ट्रिक वाहन पर लागत विभिन्न राज्यों में प्रति यूनिट बिजली की बदलती दरों के आधार पर परिवर्तन हो सकती है।

इलेक्ट्रिक वाहन रनिंग कॉस्ट, जानिए गणित

रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि सबसे बुनियादी परिस्थितियों में भी, गणित काफी सरल है, अर्थात् बैटरी के आकार से गुणा की गई इकाई की कीमत इलेक्ट्रिक वाहन चलाने की लागत क्या होगी। यह इस धारणा पर आधारित है कि होम-बेस्ड  7 किलोवाट घंटे के चार्जर को 40 किलोवाट से अधिक की बैटरी वाले इलेक्ट्रिक वाहन को पूरी तरह से चार्ज करने में 6-8 घंटे लगता है। घर पर इस तरह की व्यवस्था बनाने के लिए विशेष अनुमतियों के अधिग्रहण और वायरिंग से जुड़ी लागतों को नहीं भूलना चाहिए। हालांकि, एक बार बुनियादी ढांचा स्थापित होने बाद, लागत अनिवार्य रूप से बिजली की यूनिट कीमत पर आ जाती है।

नई दिल्ली में एक इलेक्ट्रिक वाहन का उदाहरण लेते हैं। यहां, घर पर वाहन को चार्ज करने पर प्रति यूनिट करीब 6.25 रुपए खर्च होंगे। इस रेंज पर, 40 KwH की बैटरी को फुल चार्ज करने के में 6-8 घंटे लगेंगे, जिसका खर्च 250 रुपए होगा। हुंडई कोना इलेक्ट्रिक जैसी कारों में 40 किलोवाट की बैटरी है, यह सिंगल चार्ज पर करीब 350-400 किमी की रेंज प्रदान करती है। इस तरह से एक इलेक्ट्रिक वाहन के लिए 1 रुपए प्रति किमी की लागत पर रिपोर्ट आई, जिसमें घर पर चार्ज होने वाली 40 KwH बैटरी थी। इस हिसाब से आप इलेक्ट्रिक वाहन चलाएं आप फायदे में रहेंगे।
 

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