सेकेंड हैंड कार खरीदने का है प्लान? यहां जानें टेस्ट ड्राइव के दौरान ध्यान में रखने वाली बातें

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अंशुमन साकल्ले
अंशुमन साकल्ले | Senior Special Correspondent
Updated Jul 25, 2022 | 13:40 IST

यूज्ड कार मार्केट भारत में अब काफी व्यापक हो चुका है और लोग नई के साथ-साथ पुरानी कारों में भी खासी दलिचस्पी दिखाने लगे हैं. यहां हम आपको बता रहे हैं सेकेंड हैंड करा की टेस्ट ड्राइव के दौरान ध्यान में रखने वाली बातें.

Used Car Buying Guide
यूज्ड कार लेने से पहले ग्राहक पूरी तरह ये जान लेना चाहते हैं कि कहीं उनका ये सौदा गलत तो नहीं बैठेगा (Image Credit: Economic Times) 
मुख्य बातें
  • Used Car की Test Drive का सही तरीका
  • इन बातों का रखें ध्यान, नहीं होगा नुकसान
  • अच्छी कार डील पाने के कुछ आसान टिप्स

Used Car Buying Guide: यूज्ड कार मार्केट भारत में बहुत तेजी से आगे बढ़ा है और लोगों की दिलचस्पी अब नई के साथ पुरानी कारों में भी बहुत बढ़ रही है. यूज्ड कार लेने से पहले ग्राहक पूरी तरह ये जान लेना चाहते हैं कि कहीं उनका ये सौदा गलत तो नहीं बैठेगा. कहने का मतलब सेकेंड हैंड कार ठीक हालत में रहे और उन्हें खरीदने के बाद इसपर बड़ी रकम खर्च ना करनी पड़े.  

तो यहां आपका बजट निर्धारित करने और सेकेंड हैंड वाहन पसंद कर लेने के बाद आपकी सबसे बड़ी जरूरत होती है इसकी टेस्ट ड्राइव लेना. यही तरीका होता है जिससे आपको कार के परफॉर्मेंस की जानकारी मिलती है. तो हम आपको इस खबर में बता रहे हैं यूज्ड कार की टेस्ट ड्राइव लेते समय आपको क्या-क्या बातें ध्यान में रखना चाहिए. 

टेस्ट ड्राइव के दौरान इन बातों का रखें ध्यान 

- कार का ऐक्सेलरेशन चेक करें : पुरानी होने के चलते भले ही आपको दमदार पिकअप ना मिले, लेकिन कार का हाइवे पर बेहतर परफॉर्मेंस करना जरूरी बात है. जब कार 80 किमी/घंटा की रफ्तार पर पहुंच जाए तो इंजन की आवाज, कार की स्थिरता और स्टीयरिंग व्हील की अच्छे से जांच कर लें. 

- इंजन की आवाज तेज ना हो : जब आप हाइवे पर कार चलाकर देखते हैं तो तेज रफ्तार पर इंजन से सामान्य आवाज आनी चाहिए. तेज आवाज कर रहे इंजन से पता लगता है कि कार को मौजूदा ओनर द्वारा बेहतर तरीके से मेंटेन नहीं किया गया है. 

- इंजन और गियर्स का तालमेल देखें : कार चलाते समय कार के इंजन और गियर्स का तालमेल देखें. अगर ये सही तरीके से काम नहीं कर रहे तो क्लच प्लेट में कोई दिक्कत हो सकती है. इसके अलावा संभव है कि कार के ट्रांसमिशन सिस्टम में कोई गड़बड़ी हो. 

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- ढलान पर रफफ्तार पकड़कर देखें : कार को पहले तो आप किसी चढ़ाव पर लेकर जाएं, इसके बाद ढलान जाने पर कार की रफ्तार बढ़ाकर देखें. इससे ये साफ होता है कि कार का इंजन कमजोर है या ठीक तरीके से काम कर रहा है. 

- बहुत जरूरी है सस्पेंशन चेक करना : आरामदायक यात्रा के लिए सस्पेंशन का अच्छी कंडिशन में होना बहुत जरूरी होता है. इसकी जांच के लिए कार को गड्ढों भरी सड़क पर ले जाएं और परखें कि सस्पेंशन से कोई आवाज तो नहीं आ रही. अगर आपको सस्पेंशन में खराबी आ अंदाजा हो जाता है तो कार खरीदने से पहले ही इसे दुरुस्त करवा लें. 

- ब्रेक्स चेक करके देखें : कार का समय पर रुक जाना जान बचाने के हिसाब से बहुत जरूरी होता है. तो यहां कार के ब्रेक्स को अच्छे से आजमा कर देख लें ताकि आगे चलकर समय पर आपकी कार रूक जाए. अगर कार एबीएस से लैस है तो इसके ब्रेक पैडल्स की स्थिति को भी महसूस करके देखें. 

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