भोपाल: शिवराज सिंह चौहान की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार ने एक और बड़ा फैसला किया है। मध्य प्रदेश में सरकारी नौकरी के लिए अलग से परीक्षा नहीं होगी अब राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (एनआरए) के माध्यम से परीक्षा होगी और उसके आधार पर नौकरी दे दी जाएगी। एनआरए द्वारा आयोजित पात्रता परीक्षा में जो अंक मिलेंगे, उसके आधार पर मेरिट लिस्ट तैयार होगी। हालांकि इसमें यह व्यवस्था की जा सकती है कि जिन छात्रों ने 12वीं मध्य प्रदेश से की हो उन्हें ही नौकरी दी जाए।
सरकारी नौकरी के लिए एनआरए में शामिल होना जरूरी
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षाओं में प्राप्त अंकों के आधार पर ही नौकरी देने का निर्णय लेने वाला मप्र पहला राज्य है। इससे पहले सरकार ने एक कानून लाकर यह व्यवस्था की जाएगी कि राज्य की सरकारी नौकरियों में मध्य प्रदेश के छात्र ही हिस्सा ले सकेंगे। हालांकि सरकार के इस फैसले को उपचुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है।
एनआरए के नतीजों के आधार पर सरकारी नौकरी
उन्होंने ट्वीट के जरिए बताया कि एनआरए द्वारा आयोजित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर ही युवाओं को प्रदेश में सरकारी नौकरी दी जाएगी। इसके लिए अब युवाओं को अलग से कोई परीक्षा देने की आवश्यकता नहीं होगी। बता दें कि एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंडिमंडल ने एनआरए को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने युवा बेटे-बेटियों के कल्याण के लिए हमने एक और अलग तरह का फैसला किया है।
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