Bhopal Crime: सोशल मीडिया का प्यार चढ़ा परवान, यूपी से भोपाल युवती से मिलने पहुंचा किशोर, और फिर...

Bhopal Railway Child Line: सोशल मीडिया पर एक किशोर को अपने से आठ साल बड़ी भोपाल की लड़की से प्यार हो गया। किशोर लड़की को सरप्राइज देने के लिए यूपी से भोपाल आ गया। रेलवे चाइल्ड लाइन ने किशोर को रेस्क्यू कर लिया। इसके बाद उसे परिजनों के सौंप दिया।

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लड़की से मिलने भोपाल भागकर आए किशोर को रेलवे चाइल्ड लाइन किया रेस्क्यू  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • सोशल मीडिया पर किशोर को अपने से आठ साल बड़ी लड़की से हुआ था प्यार
  • लड़की को सरप्राइज देने यूपी से पहुंचा भोपाल
  • बाल कल्याण समिति ने काउंसलिंग के बाद किशोर को परिवार को सौंपा

Bhopal News: भोपाल की रेलवे चाइल्ड लाइन ने एक किशोर को रेस्क्यू किया है। घर से भागकर भोपाल आए किशोर ने बताया है कि वह अपने से आठ साल बड़ी युवती से मिलने के लिए आया था। वह युवती को सोशल मीडिया पर पसंद करने लगा था। वह भोपाल आकर उसको सरप्राइज देना चाहता था। हालांकि उससे पहले ही किशोर को रेलवे चाइल्ड लाइन की ओर से रेस्क्यू कर लिया गया।

बता दें कि रेलवे चाइल्ड लाइन ने एक गुप्त सूचना के बाद किशोर को रेस्क्यू किया। काउंसलिंग के बाद बाल कल्याण समिति के आदेश पर किशोर को उसके परिवार के हवाले कर दिया गया है। बताया जा रहा कि एक साल पहले लड़की से किशोर ने बातचीत शुरू की थी।

लड़की से चैट की भनक परिजनों को लग गई

मिली जानकारी के अनुसार किशोर यूपी के संभ्रांत परिवार का है। परिवार में अधिकांश सदस्य शासकीय सेवा में कार्यरत हैं। किशोर ने बताया है कि उसके पास अपना एक पर्सनल टैब है। एक साल पहले सोशल मीडिया पर उसकी बातचीत भोपाल में रहने वाली युवती से शुरू हुई। धीरे-धीरे वह युवती को लाइक करने लगा। किशोर ने बताया कि युवती को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह भोपाल उससे मिलने आ रहा है। किशोर उसे सरप्राइज देना चाहता था। किशोर ने काउंसलिंग के दौरान कहा कि परिजनों को यह महसूस हुआ कि वह लड़की से चैट करता है। चैट वाली बात परिवार को पता चला गई थी।

परिजनों को सौंपा गया किशोर

किशोर ने बताया कि मां और कजिन भाई ने उससे कहा था कि ज्यादा चैटिंग अच्छी बात नहीं है। ऐसे में उसे डर लगने लगा कि पूरे परिवार को यह बात पता चल गई है। इसलिए वह घर में रखे कुछ पैसे लेकर यहां आ गया। रेलवे चाइल्ड लाइन कोर्डिनेटर संजीव जोशी ने बताया है कि किशोर के परिवार का माहौल काफी अच्छा है। बच्चे को लेने आए परिवार वालों और बच्चे के बीच भी अच्छी बॉन्डिंग देखने को मिली। पिता ने बच्चे को समझाते हुए यहां तक कहा कि एक बार अपने मन की बात हमें बता देते तो हम खुद तुम्हें भोपाल लेकर आ जाते। बहरहाल किशोर को उसके परिजनों को सौंप दिया गया है।

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