Bhopal Tree Campaigning: लोगों की सांसों को बनाएगा निगम सेहतमंद, 78 हेक्टेयर में रोपेगा 23 हजार पौधे

Bhopal Tree Campaigning: नर्सरी संचालक के मुताबिक, 20 लाख कीमत के करीब 23 हजार पौधे नगर निगम ने खरीदे हैं। वहीं फोरेस्ट डिपार्टमेंट ने पौधरोपण के लिए सवा तीन लाख, निजी संस्थाओं ने डेढ लाख व घरों में लगाने के लिए लोगों ने 20 हजार पौधे खरीदे हैं। 

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78 हेक्टेयर में 14 स्थानों पर 23 हजार पौधे रोपे जाएंगे (प्रतीकात्मक तस्वीर) 
मुख्य बातें
  • 20 लाख कीमत के करीब 23 हजार पौधे नगर निगम ने खरीदे
  • 78 हेक्टेयर में 14 स्थानों पर 23 हजार पौधे रोपे जाएंगे
  • अधिक विकसित हो इसलिए खुले इलाकों में पौधे लगाए जाएंगे

 Bhopal Tree Campaigning: प्रदेश में मानसून की दस्तक के साथ ही लोगों में हरियाली को लेकर खासा उत्साह है। कोरोना काल में दूसरी लहर के वक्त ऑक्सीजन की कमी के चलते कोविड पॉजिटिव लोगों को जिंदगी से हाथ धोना पड़ा था। अब लोगों को पर्यावरण का महत्व समझ में आ रहा है तो बरसात के मौसम में पौधे लगा रहे हैं। राजधानी की अहमदपुर पौधशाला की अगर बात करें तो इस सीजन में सौ से भी अधिक प्रजातियों के साढ़े पांच लाख के करीब पौधे तैयार किए गए थे।

लोगों की मांग के मुताबिक, पौधे अब कम ही बचे हैं। नर्सरी संचालक के मुताबिक, 20 लाख कीमत के करीब 23 हजार पौधे नगर निगम ने खरीदे हैं। वहीं फोरेस्ट डिपार्टमेंट ने पौधरोपण के लिए सवा तीन लाख, निजी संस्थाओं ने डेढ लाख व घरों में लगाने के लिए लोगों ने 20 हजार पौधे खरीदे हैं। 

इस बार यहां करेगा निगम पौधरोपण

भोपाल में इस बार बारिश के मौसम में पौधे लगाने के कार्यक्रम को लेकर नगर निगम की ओर से कुछ बदलाव किया गया है। निगम के अधिकारियों का कहना है कि, शहर में पौधे लगाने के बजाय इस बार 78 हेक्टेयर में 14 स्थानों पर 23 हजार पौधे रोपे जाएंगे। इसे लेकर निगम स्तर पर तैयारियां आरंभ कर दी गई है। निगम के सूत्रों के अनुसार, स्मार्ट सिटी, एयरपोर्ट के समीप व कालियासोत बांध सहित कई इलाकों में पौधे लगाए जाएंगे। अधिकारियों ने बताया कि, राजधानी के टीटी नगर में स्मार्ट सिटी को विकसित करने के चलते करीब छह हजार पेड़ कटने हैं, इसके लेकर विरोध हो रहा है। ऐसे में स्मार्ट सिटी के पांच हेक्टेयर में भी पौधरोपण किया जाएगा। 

जगह बदलने की ये है वजह

इस बार शहर की बजाय खुले इलाकों में पौधे लगाने को लेकर निगम की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि, मानसून की सीजन में सामाजिक संस्थाओं सहित सरकारी एजेंसिया हर साल पौधे लगाती है। मगर पौधे बहुत कम बचते हैं। विकसित नहीं हो पाते। इसलिए इस बार हरियाली को बढ़ावा देने व पौधों के अधिक संख्या में विकसित होने को लेकर खुले इलाकों में पौधे लगाए जाएंगे।


 

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