नई दिल्ली : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के खिलाफ कोविड-19 नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में बुधवार को एफआईआर दर्ज किया गया। उन पर आरोप लगाया गया कि उन्होंने कोविड-19 नियमों के खिलाफ जनसभाएं की। अब इस पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई है। कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार दोहरा व्यवहार दिखा रही है।
बीजेपी की तरफ से कई रैलियां आयोजित की गईं लेकिन उनके खिलाफ एक सिंगल एफआईआर दर्ज नहीं की गई। कांग्रेस इन एफआईआर से नहीं डरती है। हल जनता की लड़ाई लड़ रहे हैं और लड़ते रहेंगे।
बता दें कि कमलनाथ व अन्य 8 लोगों के खिलाफ कोविड-19 के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में आईपीसी और डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट की कई धाराओं के तहत केस दर्ज कराया गया।
ये एफआईआर दतिया जिले के भंदर थाने में दर्ज किया गया है। सब डिविजनल मजिस्ट्रेट अरविंद महोर के द्वारा दायर लिखित शिकायत के आधार पर ये केस दर्ज किया गया है।
इसके पहले मध्य प्रदेश के अनूपपुर में विधानसभा उपचुनाव के प्रचार के दौरान भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के काफिले पर कथित तौर पर पथराव किया और उन्हें काले झंडे दिखाए। भोपाल में कांग्रेस नेताओं ने इस घटना की कड़ी निन्दा की और कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से शिकायत करेगी।
बता दें कि 28 विधानसभा सीटों पर आगामी 3 नवंबर को मतदान होने हैं जिनके परिणाम 10 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक नामांकन की आखिरी तारीख 16 अक्टूबर है। इसके अगले दिन स्क्रूटनी की प्रक्रिया होगी जबकि 19 अक्टूबर तक नामांकन वापस लिए जा सकते हैं।
गौरतलब है कि 24 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे और 2 विधायकों की मौत के बाद इन सीटों पर चुनाव होने हैं। इसी साल मार्च में 22 कांग्रेस विधायकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद कांग्रेस की कमलनाथ सरकार गिर गई थी और परिणमास्वरुप शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी।
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