भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में 28 सीटों के लिए मतदान जारी है। यह उपचुनाव कांग्रेस और बीजेपी के दोनों के लिए अहम है। इसके नतीजे बताएंगे कि आगे का मध्य प्रदेश कैसा होगा। इसका अर्थ यह है कि शिवराज सिंह सरकार की स्थिरता के लिए जरूरी है कि कम से कम से 14 सीट उनके पक्ष में जाए। इस बीच कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ईवीएम का रोना रोया है।
'चिप हैक होने का डर'
तकनीकी युग में विकसित देश EVM पर भरोसा नहीं करते पर भारत व कुछ छोटे देशों में EVM से चुनाव होते हैं। विकसित देश क्यों नहीं कराते? क्योंकि उन्हें EVM पर भरोसा नहीं है। क्यों? क्योंकि जिसमें चिप है वह हैक हो सकती है। दरअसल विपक्षी दल हमेशा इस तरह के आरोप लगाते हैं कि ईवीएम में खिलवाड़ के जरिए बीजेपी सत्ता में आती है। लेकिन जब वही ईवीएम उनके समर्थन में वोट उगलती है तो उनका रवैया अलग हो जाता है। अब सवाल यह है कि दिग्विजय सिंह को यह बयान क्यों देना पड़ा।
बात कुछ और है
जानकार कहते हैं कि दरअसल अब विपक्ष की इस तरह की ईवीएम जुगाली को जनता गंभीरता से नहीं लेती है। सवाल यह है कि अगर विपक्ष की सरकारें इस मशीन की वजह से नहीं बनती तब तो जनमानस में यह धारणा बनती कि कुछ न कुछ गलत हुआ है। लेकिन जिस तरह से दिग्विजय सिंह की तरफ से आरोप लगाया जा रहा है उससे पता चलता है कि कांग्रेस को यकीन हो रहा है कि शायद नतीजे उनके पक्ष में ना आए और इस वजह से यह बचाव करने का तरीका है।
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