MP Cycle Distribution Scheme 2022: मध्य प्रदेश सरकार की साइकिल योजना में इस साल हुई देरी, जानें क्या है वजह

Cycle Distribution Scheme 2022: योजना के पीछे सरकार की मंशा है कि दूर दराज खेतों व ढाणियों में रहने वाले विद्यार्थी आसानी से समय पर स्कूल पहुंच सकें। मगर, इस बार शिक्षा महकमे के अधिकारियों व ठेकेदार कंपनियों के बीच तनातनी के चलते करीब 3 महिने तक बेटियों को पैदल ही स्कूल की दूरी नापनी पड़ेगी।

Bhopal Cycle Distribution Scheme 2022
एमपी सरकार की साइकिल योजना में हुई देरी (प्रतीकात्मक तस्वीर)  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए दो सौ करोड़ का बजट
  • निशुल्क साइकिल वितरण योजना को अधिकारी कर रहे डिले
  • इसकी घोषणा सीएम शिवराजसिंह ने की थी

Bhopal Cycle Distribution Scheme 2022: प्रदेश की शिवराज सरकार की सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या बढाने को लेकर शुरू की गई निशुल्क साइकिल वितरण योजना को अधिकारी डिले कर रहे हैं। योजना के पीछे सरकार की मंशा है कि दूर दराज खेतों व ढाणियों में रहने वाले विद्यार्थी आसानी से समय पर स्कूल पहुंच सकें। मगर, इस बार शिक्षा महकमे के अधिकारियों व ठेकेदार कंपनियों के बीच तनातनी के चलते करीब 3 महिने तक बेटियों को पैदल ही स्कूल की दूरी नापनी पड़ेगी।

इस वर्ष जुलाई से शुरू होने जा रहे नए शैक्षणिक सत्र से पूर्व बांटी जाने वाली साइकिलें अब अक्टूबर में दिए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। वो भी अगर समय पर टेंडर जारी किए गए तो। फिलहाल इस बार मानसूनी बारिश में गांवों में बसने वाली छात्राओं को पैदल ही स्कूल जाना पड़ेगा। इधर, मामले को लेकर शिक्षक संघ से जुड़े नेताओं के बयान आ रहे हैं कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों व साइकिल कंपनियों  के बीच टेंडर में कमीशन की दरें फिक्स नहीं होना देरी का कारण है। 

योजना को लेकर सरकार के ये हैं मानक

योजना के तहत सरकार ने अलग-अलग कैटेगरी तय की है जिसमें गांव से दो किमी की दूरी पर स्थित स्कूल जाने वाली बेटियों को छठी कक्षा में ही साइकिल दी जाती है। इसकी घोषणा सीएम शिवराजसिंह ने की थी। इसके अलावा अलग-अलग कक्षाओं में पढ़ने वाली छात्राओं को उम्र के हिसाब से कम या ज्यादा ऊंचाई वाली निशुल्क साइकिलें दी जाती है। जिसमें कक्षा ६ की छात्राओं को दी जाने वाली साइकिल की ऊंचाई 18 इंच व 9वीं के लिए 20 इंच तय की गई है।  

बेटियों को प्रोत्साहन के लिए 200 करोड़ का बजट

सीएम शिवराजसिंह की मंशा के अनुरूप इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए प्रदेश भर की बेटियों को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के लिए करीब दो सौ करोड़ का बजट रखा गया है। अब योजना में देरी हो रही है तो शिक्षा विभाग के अधिकारी कुछ इस तरह से तर्क दे रहे हैं। अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने 200 करोड़ का बजट तो आवंटित कर दिया है। अमूमन बाजार में एक साइकिल की कीमत करीब साढे तीन हजार के करीब है। कोरोना काल के बाद एकाएक बढ़ी महंगाई के चलते इस बार साइकिलों की कीमत चार हजार तक जाने की संभावना है। जिसमें साइकिलों की खरीद में करीब ५ सौ का अंतर आना स्वाभाविक है। अधिकारी कहते हैं कि हाल ही में इसके लिए टेंडर जारी किए गए थे। अब एक माह से भी ज्यादा का समय लग जाएगा। इसके बाद की सारी प्रक्रियाएं पूरी करने में भी समय लगेगा। ऐसे में साइकिलों की आपूर्ति में करीब तीन से चार महीने लगेंगे। जिसके कारण अक्टूबर तक छात्राओं को साइकिलें मिल पाएंगी। 


 

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