'हठ छोड़ें मोदी जी, इस तरह की जिद किसी के लिए ठीक नहीं', किसान आंदोलन पर दिग्विजय सिंह बोले

दिग्विजय सिंह ने कहा, 'मोदी जी को अपनी हठधर्मिता छोड़नी चाहिए। यह किसानों का मामला है। इस तरह की जिद किसी के लिए किसी भी ठीक नहीं है। सभी तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए।

Modi ji should leave his stubbornness It is not right for anyone: Digvijay Singh
किसान आंदोलन पर दिग्विजय सिंह बोले।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • किसान आंदोलन पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने दी प्रतिक्रिया
  • कांग्रेस नेता ने कहा कि किसानों के मसले पर पीएम मोदी को जिद छोड़नी चाहिए
  • सिंह ने कहा कि इस मसले में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कुछ नहीं कर सकते

भोपाल : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से अपना 'हठ' छोड़ने और तीनों कानूनों को वापस लेने की मांग की है। कांग्रेस नेता का कहना है कि इस तरह की 'जिद' किसी के लिए भी ठीक नहीं है। किसानों के मुद्दों पर विपक्ष के नेताओं की राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से होने वाली मुलाकात पर सिंह ने कहा कि उन्हें राष्ट्रपति से कोई उम्मीद नहीं है। कांग्रेस नेता ने किसानों के मसले का हल निकालने के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बनाने की बात कही है।  

'पीएम को अपनी हठधर्मिता छोड़नी चाहिए'
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'मोदी जी को अपनी हठधर्मिता छोड़नी चाहिए। यह किसानों का मामला है। इस तरह की जिद किसी के लिए किसी भी ठीक नहीं है। सभी तीनों कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। इसके लिए एक संयुक्त संसदीय समिति बननी चाहिए जो किसानों के साथ बातचीत के बाद एक हल निकाले।' 

Digvijay Singh

राष्ट्रपति से मिलेगा विपक्ष
किसानों के आंदोलन पर विपक्ष के नेता राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से आज मिलने वाले हैं। अपने ट्वीट में कांग्रेस नेता ने कहा है कि उन्हें इस मामले में महामहिम जी से कोई उम्मीद नहीं है। अपने इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए सिंह ने कहा, 'हां, मैंने कहा है, राष्ट्रपति इस मामले में क्या कर सकते हैं?'

शाह के साथ हुई बैठक में नहीं बनी बात
बता दें कि तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन बुधवार को 13वें दिन में प्रवेश कर गया। मंगलवार को गृह मंत्री अमित शाह के साथ किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की बैठक हुई। कई घंटे तक चली इस बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका। सरकार ने किसानों को बुधवार को एक नया प्रस्ताव देने की बात कही है। 

एमएसपी पर लिखित में प्रस्ताव दे सकती है सरकार
रिपोर्टों में कहा गया है कि सरकार एमएसपी के बारे में उन्हें लिखित में प्रस्ताव दे सकती है। जबकि किसान इन तीनों कानूनों को पूरी तरह से वापस लिए जाने की मांग पर अड़े हैं। किसान संगठनों का कहना है कि सरकार जो प्रस्ताव भेजने वाली है उससे यदि सकारात्मक संकेत मिला तो वे गुरुवार को बैठक में हिस्सा ले सकते हैं। 

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