भोपाल (मध्य प्रदेश) : मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान ने धर्म स्वातंत्र्य (धार्मिक आजादी) अध्यादेश को मंगलवार को लागू कर दिया है। शिवराज सरकार राज्य में 'लव जिहाद' के मामलों से निपटने के लिए इस अध्यादेश को लाई है। गत 26 दिसंबर को चौहान ने कहा कि उनकी कैबिनेट ने धर्म स्वातंत्र्य (धार्मिक आजादी) विधेयक 2020 को मंजूरी दे दी है। यह विधेयक जबरन या लालच देकर धर्म परिवर्तन की मनाही करता है।
मुख्यमंत्री ने कहा, 'राज्य में किसी को लालच देकर, डराकर, धोखा देकर अथवा गुमराह कर उसका धर्म परिवर्तन करने की हम इजाजत नहीं दे सकते। हमने इसे रोकने के लिए 1968 के कानून को ज्यादा प्रभावी एवं सख्त बनाकर उसे और मजबूत किया है।' इस नए अध्यादेश में 'लव जिहाद' जैसे आपराधिक मामलों में अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है।
सूत्रों के मुताबिक शिवराज सरकार 'लव जिहाद' के खिलाफ प्रस्तावित कानून को अगले विधानसभा सत्र तक टालने के पक्ष में नहीं थी। विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र विधायकों-अधिकारियों के कोरोना संक्रमित होने की वजह से स्थगित किया गया है।
बिल में कठोर सजा का प्रावधान
पिछले महीने राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इस विधेयक के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि 'हम इस विधेयक में 'लव जिहाद' जैसे मामलों को संज्ञेय एवं गैर-जमानती अपराध बनाने का प्रस्ताव करने जा रहे हैं।' उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह सरकार विधानसभा के आगामी सत्र में 'लव जिहाद' की समस्या पर रोक लगाने के लिए एक सेक्युलर लॉ लेकर आएगी।
भाजपा शासित कई राज्य 'लव जिहाद' के खिलाफ
बता दें कि हिमाचल प्रदेश अपने यहां 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून लागू कर चुका है जबकि उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और हरियाणा इसी तरह का कानून लाने पर विचार कर रहे हैं। गृह मंत्री ने आगे कहा कि 'लव जिहाद' जैसे मामलों को बढ़ावा देने और आरोपियों की मदद करने वाले लोगों को भी कठघरे में लाया जाएगा और उन्हें सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अंतर जातीय शादी के बाद धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने वाले लोग भी सजा के पात्र होंगे।
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