MP Panchayat Election: मध्य प्रदेश पंचायत में ओबीसी आरक्षण पर 'सुप्रीम' फैसला, चुनाव का रास्ता साफ

MP Panchayat Election: सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू कर दिया है। साथ ही आदेश दिया है कि आरक्षण का आंकड़ा 50 प्रतिशत से ऊपर न हो। कोर्ट ने राज्‍य चुनाव आयोग को एक सप्‍ताह के अंदर चुनाव की अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश दिए हैं।

Supreme Court orders
एमपी में निकाय व पंचायत चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा आदेश   |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • सुप्रीम कोर्ट ने दिया मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण लागू करने का आदेश
  • निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी को मिलेगा आरक्षण
  • एक सप्‍ताह के अंदर राज्‍य चुनाव आयोग जारी करेगा चुनाव की अधिसूचना

MP Panchayat Election: मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया है। अब यहां पर ये चुनाव ओबीसी आरक्षण के साथ होंगे। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने राज्‍य सरकार से कहा है कि आरक्षण का आंकड़ा 50 प्रतिशत से ऊपर न हो। साथ ही कोर्ट ने एक सप्‍ताह के अंदर चुनाव की अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश दिए हैं। कोर्ट के इस फैसले को राज्‍य सरकारी अपनी जीत मान रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला राज्‍य सरकार की तरफ से निकाय और पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लागू करने के लिए दायर की गई पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया। बुधवार को फैसला सुनाने से पहले मंगलवार को भी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की थी। जिसमें राज्‍य सरकार की तरफ से राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग की ओबीसी आरक्षण संबंधी विस्तृत रिपोर्ट को प्रस्तुत किया गया था। साथ ही सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे वकीलों ने आरक्षण को लागू करने के लिए कई घंटे तक अपनी दलील दी थी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आंकड़ों का हुआ था ट्रिपल टेस्ट

बता दें कि पिछड़ा वर्ग को नगरीय निकाय और पंचायत चुनाव में आरक्षण देने के लिए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्रिपल टेस्ट कराया गया। जिसमें राज्‍य के अंदर ओबीसी की आबादी और मतदाताओं की स्थिति व प्रतिनिधित्व का विश्लेषण करके सुप्रीम कोर्ट को सौंपा गया था। इसमें कुल मतदाताओं में ओबीसी की संख्‍या 48 प्रतिशत बताया गया था। इसी के आधार पर सरकार से ओबीसी आरक्षण की मांग की थी। हालांकि यह रिपोर्ट जिलेवार थी, इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने इसे अधूरा मानते हुए राज्य निर्वाचन आयोग को दो सप्ताह में चुनाव की अधिसूचना जारी करने के आदेश दिए थे। साथ ही कहा था कि ट्रिपल टेस्ट पूरा हुए बिना ओबीसी आरक्षण नहीं लागू होगा।

जिसके बाद 12 मई को सुप्रीम कोर्ट के सामने निकायवार और वार्डवार रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। सरकार ने इस पर पुनर्विचार का आवेदन लगाकर कोर्ट से ओबीसी आरक्षण और नए परिसीमन के आधार पर चुनाव कराने की अनुमति मांगी थी। साथ ही सरकार की तरफ से ट्रिपल टेस्ट के लिए अपनाई गई प्रक्रिया की भी कोर्ट को जानकारी दी गई। जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को मंजूरी दी।

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