Bhopal Jungle Safari: मानसून के चलते प्रदेश का वन-विहार नेशनल पार्क बंद, फॉरेस्ट महकमे ने किया इन नियमों में बदलाव

Bhopal Jungle Safari: राजधानी भोपाल में स्थित वन-विहार नेशनल पार्क में पर्यटकों को जंगल के राजा सहित अन्य वन्यजीवों के दीदार अगले तीन माह तक नहीं हो पाएंगे। दरअसल मानसून सीजन होने के चलते नेशलन पार्क प्रबंधन की ओर से ये निर्णय लिया गया है। प्रदेश के 6 अन्य टाइगर संरक्षित कोर इलाकों में भी रोक लगा दी गई है।

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भोपाल के वन विहार में डे-नाइट जंगल सफारी 3 माह के लिए बंद  |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • वन विहार में डे-नाइट जंगल सफारी बंद
  • 3 माह तक पर्यटकों को नहीं होंगे जंगल के राजा के दर्शन
  • बारिश का सीजन होने के चलते 6 अन्य टाइगर संरक्षित कोर इलाकों में भी आवाजाही पर रोक

Bhopal Jungle Safari: राजधानी भोपाल में स्थित वन विहार नेशनल पार्क में अब जंगल के राजा सहित अन्य वन्यजीवों के दीदार अगले तीन माह तक नहीं हो पाएंगे। इससे यहां आने वाले पर्यटक दिन व रात्रि में जंगल में घूमने के एडवेंचर का आनंद नहीं ले सकेंगे। दरअसल मानसून सीजन होने के चलते नेशलन पार्क प्रबंधन की ओर से ये निर्णय लिया गया है। बरसात होने के कारण पार्क में ट्रेकों के हालात सही नहीं होने से दिन में भी पर्यटक अब जंगली जीवों के दर्शन नहीं कर पाएंगे।

गौरतलब है कि इस वर्ष पार्क प्रबंधन की ओर से मार्च माह में रात्रि भ्रमण शुरू किया था। जिसमें रोजाना शाम को सात बजे से रात्रि साढ़े नौ बजे तक पार्क में पर्यटकों की आवाजाही रहती थी। अब पार्क की ओर से कहा जा रहा है कि आगामी अक्टूबर माह में नाइट सफारी को फिर से शुरू किया जा सकता है। 

पार्क में प्रवेश शुल्क बढ़ाने की तैयारी

पार्क प्रबंधन अब प्रवेश शुल्क बढ़ाने की तैयारी भी कर रहा है। अधिकारियों का कहना है कि गत 6 वर्षों से पुरानी दरें ही चल रही हैं। इस मामले को लेकर वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ जेएस चौहान ने कहा कि प्रवेश शुल्क बढ़ाने के प्रपोजल को लेकर चर्चा की जा रही है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2016 से पुरानी दरों पर ही पर्यटकों को प्रवेश दिया जा रहा है। अब मुख्यालय को प्रतिवर्ष 10 प्रतिशत शुल्क दरें बढ़ाने को लेकर प्रपोजल भेजा गया है। आपको बता दें कि अगर 2016 के बाद हर वर्ष 10 प्रतिशत के हिसाब से दरें बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिलती है तो पर्यटकों की जेब पर इसका खासा भार पड़ेगा। जहां पैदल भ्रमण वालों को 20 की जगह 35 रूपए देने पड़ेंगे। वहीं साइकिल पर आने वालों को 53 रूपए खर्च करने होंगे।

अन्य टाइगर कोर एरिया भी बंद हुए

प्रदेश के 6 अन्य टाइगर संरक्षित कोर इलाकों में भी पर्यटकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है। जिसके चलते 3 माह तक पर्यटक बाघों समेत बिल्ली परिवार के अन्य सदस्यों को नहीं देख पाएंगे। फोरेस्ट महकमा इसके पीछे की वजह बारिश के मौसम में कोर इलाकों में वन्यजीवों की मौजूदगी रहना बता रहा है। इस समय इनके नेचुरल हैबीटेट में खलल नहीं पड़े इसलिए मानवीय दखल से जंगल जीवन को दूर रखा जाता है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश में छह टाइगर रिजर्व राष्ट्रीय उद्यान हैं। जिनमें बांधवगढ़, पेंच, कान्हा, संजय डुबरी पन्ना व सतपुड़ा हैं। मानसून के दिनों में यहां के कोर एरिया में पर्यटकोंं का प्रवेश वर्जित कर दिया जाता है। प्रवेश बंद होने के चलते पर्यटक विगत एक सप्ताह से भी अधिक समय से महज बफर जोन में भ्रमण कर रहे हैं। वन विभाग की ओर से बताया गया है कि मानसून सीजन खत्म होने के बाद अक्टूबर माह में कोर इलाका फिर से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाएगा।  

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