Panchayat Election: क्या मध्य प्रदेश के पंचायत चुनाव में आएगी क्रांति, मुखिया बनने की दौड़ में हैं 6 थर्ड जेंडर

MP Panchayat Election: मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव में इस बार समाज में बदलाव की पहल भी नजर आ रही है। इस बार गांवों की सरकार के मुखिया बनने की दौड़ में थर्ड जेंडर भी शामिल हैं। पंचायत चुनाव में छह सीटों के लिए उन्होंने अपने नामांकन दाखिल किए हैं। राज्य निर्वाचन विभाग की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक थर्ड जेंडर किसी भी सीट से चुनाव लडऩे के लिए स्वतंत्र हैं।

MP Panchayat Election 2022
मध्यप्रदेश में इस बार गांवों की सरकार के मुखिया बनने की दौड़ में थर्ड जेंडर भी  हैं  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • आदिवासी महिला सीट से किन्नर समाज की महामंडलेश्वर दुर्गा दीदी चुनाव लड़ रही हैं
  • 6 में से चार ने सरपंच के लिए अपनी दावेदारी जताई है
  • 35 वर्षीय राधा मौसी सरपंच पद के लिए चुनाव मैदान में है

MP Panchayat Election 2022 : मध्यप्रदेश के पंचायत चुनाव में इस बार समाज में बदलाव की पहल भी नजर आ रही है। इस बार गांवों की सरकार के मुखिया बनने की दौड़ में थर्ड जेंडर भी शामिल हैं। पंचायत चुनाव में छह सीटों के लिए उन्होंने अपने नामांकन दाखिल किए हैं। सभी किन्नर उम्मीदवार अपने-अपने इलाकों में जीत के लिए एक अलग ही अंदाज में चुनाव प्रचार कर रहे हैं। खास बात ये है कि दो उम्मीदवारों ने महिला सीट पर पर्चा भरा है।

हालांकि मतदाता सूची में इन्हें थर्ड जेंडर कैटेगरी दी गई है। 6 में से चार ने सरपंच के लिए अपनी दावेदारी जताई है। जबकि एक-एक ने जिला परिषद सदस्य व पंच के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया है। चार ने सामान्य सीटों व दो ने आदिवासी महिला सीट से अपनी दावेदारी जताई है। 

ये चुनाव लड़ रहीं महिला सीटों पर

प्रदेश के कटनी जिले से जिप सदस्य के लिए वार्ड 6 की आदिवासी महिला सीट से किन्नर समाज की महामंडलेश्वर दुर्गा दीदी चुनाव लड़ रही हैं। वहीं नर्मदापुरम इलाके की ग्राम पंचायत केसला से मौसी के तौर पर पहचान रखने वाली 35 वर्षीय राधा मौसी सरपंच पद के लिए चुनाव मैदान में हैं। ये सीट भी आदिवासी महिलाओं के लिए आरक्षित है। मौसी कहती है पहले बधाइयां मांगते थे, अब अपने लिए गांव के लोगों से वोट मांग रही हूं। राधा मौसी अपने प्रचार के दौरान कहती है कि आजादी के कई दशक बीत जाने के बाद भी गांव के लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। गांव के लोगों ने ही उनसे चुनाव लड़ने की बात कही थी। अब वे ग्रामीणों के हकों के लिए लड़ेंगी। 

जानिए क्या है थर्ड जेंडर के लिए चुनाव आयोग की गाइडलाइन

राज्य निर्वाचन विभाग की ओर से जारी की गई गाइडलाइन के मुताबिक थर्ड जेंडर किसी भी सीट से चुनाव लडऩे के लिए स्वतंत्र हैं। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के शहडोल जिले से की सोहागपुर सामान्य सीट से वर्ष 1998 में किन्नर शबनम मौसी के नाम देश की पहली एमएलए बनने का रिकॉर्ड है। उनके इस रिकॉर्ड पर बॉलीवुड में एक मूवी भी बन चुकी है।  

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