उज्जयिनी के राजा बाबा महाकाल के हाथ सजेंगे इन बहनों की राखी से, इतने लाख लड्डुओं का लगेगा भोग, जानिए पूरी कहानी

Bhopal News: बाबा को बांधे जाने वाले रक्षा सूत्र की तैयारियांं पुजारी परिवार की महिलाएं कर रही हैं। आपको बता दें कि, इस बार शिव की पूजा पद्धति की परंपरा के अनुसार शैव व वैष्णव स्वरूपों वाली राखियां बनाई जा रही हैं। 

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सर्व प्रथम बाबा महाकाल को बंधेगी राखी, जानिए क्यों   |  तस्वीर साभार: Representative Image
मुख्य बातें
  • बाबा को बांधे जाने वाले रक्षा सूत्र की तैयारियांं पुजारी परिवार की महिलाएं कर रही हैं
  • सवा लाख लड्डूओं को तैयार करने में कारीगर जुटे हैं
  • भगवान गजानन की 10 फीट ऊंची प्रतिमा को राखी बांधी जाएगी

Bhopal News: मध्यप्रदेश में उज्जयिनी के राजा बाबा महाकाल को आगामी 11 अगस्त को रक्षा बंधन के त्योहार पर सर्वप्रथम राखी बांधी जाएगी। उज्जैन के प्रसिद्ध ज्योर्तिलिंग महाकालेश्वर मंदिर में राखी के त्योहार को मनाने को लेकर तैयारियां परवान पर हैं। बाबा महाकाल को बांधी जाने वाली राखी पुजारी परिवार की महिलाओं ने तैयार की है। इससे पूर्व प्रात: होने वाली भस्म आरती के बीच बाबा महाकाल को सवा लाख लड्डुओं का महाभोग भी लगेगा। आपको बता दें कि, बाबा को सबसे पहले राखी बांधने को लेकर मान्यता है कि देश में पौराणिक सनातनी रीति के मुताबिक कोई भी त्योहार सबसे पहले बाबा महाकाल के मंदिर में मनाया जाता है।

इधर, गौरी सुत गजानन को भी राखी बांधी जाएगी। बाबा महाकाल मंदिर के पीछे की ओर स्थित भगवान गजानन की 10 फीट ऊंची प्रतिमा को राखी बांधी जाएगी। गौरतलब है कि, इस मंदिर में रक्षा बंधन के त्योहार पर भगवान गणेश के भाई स्वरूप की मान्यता को लेकर देश भर से महिलाएं राखियां भेजती हैं। राखी के त्योहार वाले दिन गुरुवार को मंदिर में पूजा-अर्चना व अभिषेक के पश्चात के बाद श्रीगणेश को रक्षा सूत्र बांधा जाएगा। 

महाभोग की तैयारियां परवान पर 

राखी के त्योहार पर गुरुवार को भस्म आरती के पश्चात बाबा महाकाल को लगाए जाने वाले महाभोग की तैयारियां परवान पर हैं। इसको लेकर सवा लाख लड्डूओं को तैयार करने में कारीगर जुटे हैं। लड्डूओं में लगने वाली सामग्री की अगर बात करें तो जहां 100 टीन देशी घी, 3 सौ किलो बेसन, साढ़े चार सौ किलो चीनी व ड्राई फ्रूट्स लगेंगे। जानकारी के मुताबिक महाभोग का प्रसाद मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं में वितरित किया जाएगा। इधर, महाभोग के बाद बाबा को बांधे जाने वाले रक्षा सूत्र की तैयारियांं पुजारी परिवार की महिलाएं कर रही हैं। आपको बता दें कि, इस बार शिव की पूजा पद्धति की परंपरा के अनुसार शैव व वैष्णव स्वरूपों वाली राखियां बनाई जा रही हैं। 


 

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