कोविड के असर से इनकार नहीं लेकिन 60 फीसद कंपनी चाहती हैं भर्तियां, खास रिपोर्ट

टैलेंट असाइमेंट के क्षेत्र में अग्रणी मर्सर द मैटल ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि कोविड-19 का असर भर्तियों पर पड़ा है लेकिन 2021 के साथ साथ आने वाले वर्ष भर्तियों के लिहाज से शानजार होंगे।

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कोविड के असर से इनकार नहीं लेकिन 60 फीसद कंपनी चाहती हैं भर्तियां,मर्सर द मैटल की खास रिपोर्ट  |  तस्वीर साभार: YouTube
मुख्य बातें
  • 81 फीसदी कंपनियों ने महामारी के दौरान भर्तियों के लिए वर्चुअल प्लेटफॉर्म को चुना
  • 76 फीसदी कंपनियों ने बताया कि तकनीक उनके कारोबार के लिए वैल्यू एडिशन की भूमिका निभा रही है  
  • तकरीबन 50 फीसदी उत्तरदाताओं ने बताया कि उन्होंने वर्चुअल रिमोट हायरिंग सिस्टम को अपनाया है

नई दिल्ली। टैलेंट असेसमेन्ट में ग्लोबल लीडर मर्सर द मैटल ने हाल ही में भर्ती के रूझानों पर आधारित अपनी सालाना रिपोर्ट द स्टेट ऑफ टैलेंट एक्विज़िशन रिपोर्ट 2021 का लॉन्च किया है। सर्वेक्षण की यह रिपोर्ट भर्तियों के मौजूदा रूझानों पर कोविड-19 के प्रभाव के बारे में जानकारी देती है। यह रिपोर्ट प्रतिभाशाली उम्मीदवारों की भर्ती पर महामारी के प्रभावों को दर्शाती है और इस बात पर रोशनी डालती है कि किस तरह महामारी के चलते आधुनिक तकनीक को तेज़ी से अपनाया गया है और 2021 में एवं इसके बाद के सालों में किस तरह बाज़ार में इसका प्रभुत्व बने रहेगा।

आने वाले समय में वर्चुअल तरीके से भर्तियां
रिपोर्ट के परिणाम बताते हैं कि आने वाले समय में भर्तियां वर्चुअल तरीकों से की जाएंगी। सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाले तकरीबन आधे उत्तरदाताओं ने बताया कि उन्होंने महामारी के दौरान डिजिटल तरीकों को अपना लिया है। लगभग 81 फीसदी कंपनियों ने महामारी के दौरान उम्मीदवारों की भर्ती के लिए वर्चुअल प्लेटफॉर्म्स को चुना। ऑफलाईन माध्यमों से ऑनलाईन माध्यमों की ओर रूख करन के कारण कंपनियों को लाभ हुआ है क्योंकि वर्चुअल भर्ती में कम समय लगता है, यह अपने आप में लागत प्रभावी तरीका है और साथ ही इस प्लेटफॉर्म के ज़रिए दुनिया भर से सर्वश्रेष्ठ उम्मीदवारों का चयन किया जा सकता है। टेक-आधारित प्लेटफॉर्म ही अब कारोबार की निरंतरता को जारी रखने के सबसे व्यवहारिक विकल्प प्रतीत होते हैं।

भर्तियों के संबंध में 2021 उम्मीद वाला साल
हालांकि 2020 में नौकरियों में कटौती और बेरोजगारी की दर बढ़ी है, किंतु 2021 में भर्तियां के रूझान सकारात्मक दिखाई दे रहे हैं। रिक्रूटमेन्ट मैनेजर 2021 में महामारी से पहले वाले भर्ती स्तर तक पहुंचने के लिए आशावादी हैं। ये रूझान और भी मजबूत हो गए हैं जब सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वाली 60 फीसदी कंपनियां ने बताया कि वे नए पदों के लिए भर्तियां करना चाह रही हैं।

मर्सर द्य मैटल के सीईओ का क्या है कहना
रिपोर्ट के लॉन्च के अवसर पर सिद्धार्थ गुप्ता, सीईओ, मर्सर द मैटल ने कहा, ‘‘महामारी के पिछले 14 महीनों में भर्तियों के रूझानों में ज़बरदस्त बदलाव आए हैं। द स्टेट ऑफ टैलेंट एक्विज़िशन रिपोर्ट 2021  इस बात पर रोशनी डालती है कि किस तरह महामारी के चलते आधुनिक तकनीकों को तेज़ी से अपनाया गया और किस तरह यह भावी कार्य एवं कौशल को नए आयाम दे सकता है। यह रिपोर्ट उद्योग जगत के दिग्गजों को प्रेरित करेगी कि वे 2021 में एवं इसक बाद भर्तियों के लिए आधुनिक दृष्टिकोण को अपनाएं।’’  

रिपोर्ट बताती है कि कंपनियां नए वातावरण में मौजूदा भूमिकाओं को मजबूत बनाने के साथ-साथ नई भूमिकाओं का निर्माण भी कर रही हैं। उद्योग जगत के तकरीबन 53 फीसदी दिग्गज प्रोडक्ट एवं टेक्नोलॉजी संबंधी भूमिकाओं के लिए उम्मीदवारों की भर्ती करना चाहते हैं, इसके बाद ऑपरेशन्स (39.42 फीसदी) और सेल्स संबंधी भूमिकाओं (39 फीसदी) के लिए भर्ती करना चाहते हैं। आंकड़े दर्शाते हैं कि 2021 में रोज़गार के एक समान अवसर उत्पन्न होंगे क्योंकि कंपनियां भावी दृष्टिकोण को अपना रही हैं, जो प्रत्यास्थ कार्यबल की भर्ती के लिए ज़रूरी है। भर्ती के लिए विविधता, समानता और समावेशन जैसी प्रक्रियाआें को भी अपनाया जा रहा है। उम्मीद है कि आने वाले समय में कंपनियों का इस तरह का दृष्टिकोण बढ़ेगा और प्रतिभाशाली उम्मीदवारों की भर्ती को बढ़ावा मिलेगा- जो कंपनियों के विकास के लिए ज़रूरी है।

भर्ती प्रक्रिया में व्यावहारिक परेशानी पर खास ध्यान
भर्ती करने वाले प्रबन्धकों के सामने आने वाली समस्याओं पर रोशनी डालते हुए सर्वेक्षण में बताया गया कि ज़्यादातर कंपनियों में भर्ती की प्रक्रिया बहुत लम्बी होती है, जो बेहद प्रतिस्पर्धी बाज़ार के लिए अनुकूल नही है; आज के दौर में कम से कम समय में सही प्रतिभा की भर्ती करना ज़रूरी है। रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 20 फीसदी कंपनियों की भर्ती प्रक्रिया छोटी पाई गई (1 महीने से कम) जबकि 25 फीसदी से ज़्यादा कंपनियां की भर्ती प्रक्रिया तीन महीने या इससे भी अधिक लम्बी पाई गई। इसके अलावा 35.92 फीसदी कंपनियों ने बताया कि डेटा-उन्मुख एवं तकनीक-उन्मुख प्रक्रियाओं की कमी, भर्ती में सबसे बड़ी चुनौती है।

कोविड-19 और डिसरप्शन का असर दुनिया भर की कंपनियां पर पड़ा है। शुरूआत में पारम्परिक तरीके कंपनियों के लिए चुनौती बन गए है, जैसे उम्मीदवार के चुनाव के लिए फिज़िकल असेसमेन्ट, फेस-टू-फेस इंटरव्यू। किंतु जल्द ही कंपनियों ने तकनीक-उन्मुख उपकरणों को अपनाया, क्योंकि वातावरण के अनुसार अपने कारोबार की निरंतरता जारी रखने के लिए डिजिटल माध्यमों को अपनाना ज़रूरी था। रिपोर्ट बताती है कि बड़े पैमाने पर तकनीक उन्मुख समाधानों को अपनाना ही भविष्य के लिए स्थायी दृष्टिकोण हो सकता है।

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