मनीला : एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने कहा है कि 2020 में एशिया की विकासशील अर्थव्यवस्थाएं मंदी की गिरफ्त में आएंगी। एडीबी ने मंगलवार को अपने अनुमानों का अप़डेट जारी करते हुए कहा कि 60 साल में यह पहला मौका होगा जबकि विकासशील एशिया की अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट आएगी। एडीबी के परिदृश्य अपडेट में कहा गया है कि इस साल यानी 2020 में क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था में 0.7 प्रतिशत की गिरावट आएगी। हालांकि, 2021 में यह क्षेत्र 6.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा। एडीबी ने कहा कि यदि कोरोना वायरस की स्थिति और खराब होती है, तो क्षेत्र की अर्थव्यस्था की गिरावट भी बड़ी रह सकती है।
एडीबी ने फिलिपीन और इंडोनेशिया जैसी क्षेत्र की कई अर्थव्यवस्थाओं के वृद्धि दर के अनुमान को घटाया है। इन देशों कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़े हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन से इस महामारी की शुरुआत हुई थी, लेकिन वह इससे उबर चुका है। एडीबी का अनुमान है कि इस साल चीन की अर्थव्यवस्था 1.8 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगा। वहीं 2021 में चीन की वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रहेगी। 2019 में चीन की वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही थी। यह दशकों में सबसे धीमी वृद्धि थी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्पादन केंद्र के रूप में अपनी पहचान की वजह से एशिया महामारी के झटके को सह पाया है। एशिया को चिकित्सा उपकरणों, डिजिटल उपकरणों और ऑप्टिकल उपकरणों का प्रमुख केंद्र माना जाता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल मिलाकर यह इस क्षेत्र में 1960 के दशक की शुरुआत के बाद सबसे बड़ी गिरावट होगी। एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा कि यह हमारे क्षेत्र के लाखों लोगों को गरीबी से निकालने के प्रयासों के लिए एक बड़ा झटका है।’’
उधर एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 9% की गिरावट का अनुमान लगाया है। एडीबी की ओर से मंगलवार को जारी एशियाई विकास परिदृश्य (एडीओ)-2020 अपडेट में कहा गया है कि भारत में कोरोना वायरस की वजह से आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। इसका असर उपभोक्ता धारणा पर भी पड़ा है, जिससे चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 9% की गिरावट आएगी।
हालांकि, एडीबी का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था में बड़ा उछाल आएगा। एडीबी ने कहा कि आवाजाही तथा कारोबारी गतिविधियां खुलने से अगले वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर आठ प्रतिशत रहेगी। एडीबी के मुख्य अर्थशास्त्री यासुयुकी सवादा ने कहा कि भारत ने महामारी के प्रसार को रोकने के लिए सख्त लॉकडाउन लगाया। इससे आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित हुईं।
उन्होंने कहा कि अगले वित्त वर्ष और उससे आगे अर्थव्यवस्था की वृद्धि के लिए महामारी पर अंकुश के उपाय, जांच, निगरानी और इलाज की क्षमता का विस्तार महत्वपूर्ण है। इन उपायों को प्रभावी तरीके से कार्यान्वित करने की जरूरत है, तभी अर्थव्यवस्था आगे उबर पाएगी।
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