Loan Restructuring : बैंक 8.4 लाख करोड़ रुपए तक के लोन का पुनर्गठन करने को तैयार

बिजनेस
भाषा
Updated Aug 19, 2020 | 18:11 IST

Loan Restructuring : रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल जाने के बाद बैंक संकटग्रस्त लोन का पुनर्गठन करने की तैयारी शुरू कर दी है।

Banks ready to Restructure loans up to Rs 8.4 lakh crore after RBI decision 
लोन का पुनर्गठन करेगा बैंक  |  तस्वीर साभार: BCCL

Loan Restructuring : रिजर्व बैंक से मंजूरी मिल जाने के बाद बैंक 8.4 लाख करोड़ रुपए के संकटग्रस्त ऋणों का पुनर्गठन करने की तैयारी में हैं। यह बैंकों के कुल कर्ज का 7.7% है। एक घरेलू रेटिंग एजेंसी ने बुधवार को एक रिपोर्ट में यह बात कही। एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने कहा कि 8.4 करोड़ रुपए के इन कर्जों में 60% से अधिक को यदि पुनर्गठित नहीं किया गया, तो उनके गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) की श्रेणी में गिरने की आशंका है। पुनर्गठन से बैंकों की आय भी बेहतर होगी, क्योंकि उन्हें अपेक्षाकृत कम प्रावधान करना होगा। इस महीने की शुरुआत में, आरबीआई ने एक पुनर्गठन पैकेज की घोषणा की थी।

एजेंसी ने कहा कि वैश्विक वित्तीय संकट के समय करीब 90% पुनर्गठित कर्ज कॉरपोरेट क्षेत्र के थे। तब की तुलना में इस बार कॉरपोरेट से इतर के क्षेत्रों की हिस्सेदारी अधिक होगी, जिनमें छोटे व्यवसाय, कृषि व खुदरा कर्ज शामिल होंगे। अनुमान है कि 2.1 लाख करोड़ रुपए के ऐसे कर्ज का पुनर्गठन किया जाना है, जो कॉरपोरेट क्षेत्र के नहीं हैं। एजेंसी ने कहा कि गैर-कॉरपोरेट क्षेत्र महामारी की शुरुआत से पहले ही संकट के संकेत देने लगा था।

इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि कॉरपोरेट क्षेत्र के चार लाख करोड़ रुपए के कर्ज महामारी के पहले से ही संकट में फंसे थे। महामारी के कारण इसमें 2.5 लाख करोड़ रुपए का इजाफा हो गया। गैर-कॉरपोरेट क्षेत्र में यह इजाफा और अधिक हुआ। पहले इस क्षेत्र के संकट में फंसे कर्ज महज 70 हजार करोड़ रुपए थे, जिनके 2.1 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाने की आशंका है।

एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, कॉरपोरेट क्षेत्र में 3.3 लाख करोड़ रुपए से 6.3 लाख करोड़ रुपए तक के कर्ज का पुनर्गठन किया जा सकता है। यह इस बात पर निर्भर करेगा कि बैंक क्या रणनीति अपनाते हैं। पुनर्गठन में रियल एस्टेट और होटल जैसे क्षेत्रों की काफी हिस्सेदारी रहने वाली है, लेकिन बुनियादी संरचना, बिजली और निर्माण क्षेत्रों की हिस्सेदारी सर्वाधिक रहेगी।
 

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