बजट 2021: आप कमाते हैं या नहीं, आपको देना पड़ता है यह टैक्स, जानिए क्यों और कैसे

केंद्रीय बजट 2021-22 एक फरवरी को पेश किया जाएगा। लोगों को उम्मीद है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस बार भी लोगों टैक्स में राहत का ऐलान करेंगे।

Budget 2021: Whether you earn or not, you have to pay this tax, know why and how
बजट में टैक्स छूट का ऐलान हो सकता है  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2021 संसद में पेश किया जाएगा
  • बजट से पहले टैक्स को लेकर लोगों के बीच काफी चर्चा हो रही है
  • लोगों को उम्मीद है इस बजट में भी टैक्स में कुछ बदलाव हो सकते हैं

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को केंद्रीय बजट 2021 संसद में पेश करने जा रही हैं। टैक्स को लेकर लोगों के बीच काफी चर्चा हो रही है। लोगों को उम्मीद है इस बजट में भी टैक्स में कुछ बदलाव किए जाएंगे ताकि कोविड-19 की वजह से आर्थिक तौर पर परेशान आम जनता को राहत मिलेगी। आप से दो तरह के टैक्स लिए जाते है। जिसका प्रभाव आपके जीवन पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष तौर पर पड़ता है। एक डायरेक्ट टैक्स होता है। जो आपकी आय पर सीधे लगाया जाता है। दूसरा इनडायरेट तौर पर दूसरे तरीके से लिया जाता है। 

प्रत्यक्ष कर (Direct Taxes) क्या हैं?

प्रत्यक्ष कर (डायरेक्ट टैक्स) ऐसे टैक्स हैं जिसमें कोई व्यक्ति या कंपनियां सरकार को सीधे भुगतान करते हैं। यह लायबलिटी किसी अन्य टैक्सपेयर को ट्रांसफर नहीं की जा सकती। यह सीधे टैक्स ऑथरिटी द्वारा लगाया जाता है। देश में डायरेक्ट टैक्स के कई प्रकार हैं- इनकम टैक्स, वेल्थ टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स, पूंजीगत लाभ टैक्स। इसलिए अगर आप एक कमाने वाले व्यक्ति हैं, तो आप प्रत्यक्ष करों (डायरेक्ट टैक्स) का भुगतान करना होता है।

अप्रत्यक्ष कर (Indirect Taxes) क्या हैं?

यह अलग तरह का टैक्स है इस अप्रत्यक्ष कर (इनडायरेक्ट टैक्स) कहते है। आप कमाते हैं या नहीं कमाते हैं इस टैक्स को सीधे तौर पर भुगतान करने की जरूरत नहीं है। जब आप कोई भी वस्तु खरीदते हैं तो यह टैक्स उस वस्तु की कीमत के साथ आपसे लिया जाता है। अप्रत्यक्ष टैक्स गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) के तौर पर लिया जाता है। यह टैक्स सरकार द्वारा वस्तुओं और सेवाओं के लिए लगाया जा रहा है। यह इनकम पर टैक्स नहीं है बल्कि वस्तुओं और सेवाओं पर लगता है। इस प्रकार आप बेरोजगार हैं या नहीं हैं, आपको आमदनी होती है या नहीं होती है फिर भी यह टैक्स आपको देना पड़ता है।

गौर हो कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स, जुलाई 2017 में लागू हुआ। एक दर्जन से अधिक केंद्रीय और राज्य के लेवी, एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स वैट को शामिल करके एकीकृत अप्रत्यक्ष टैक्स सिस्टम जीएसटी लागू किया गया। आजादी के बाद से भारत के सबसे बड़े अप्रत्यक्ष कर सुधार कानून के तौर पर जीएसटी का उद्देश्य भारत को एक समान बाजार में परिवर्तित करना औक टैक्स पर टैक्स को रोकना और वस्तुओं और सेवाओं को सस्ता बनाना है।

इस बीच, सीबीडीटी ने हाल के वर्षों में डायरेक्ट टैक्सों में कई बड़े सुधार किए हैं। 2019 में, कॉर्पोरेट टैक्स की दरों को 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत कर दिया गया और नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स के लिए दरों को घटाकर 15 प्रतिशत कर दिया गया। लाभांश वितरण टैक्स को भी समाप्त कर दिया गया।

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