'मुझे कांग्रेस पर दया आती है', राहुल गांधी ने बजट को बताया जीरो तो निर्मला सीतारमण ने किया पलटवार

बिजनेस
आईएएनएस
Updated Feb 01, 2022 | 23:32 IST

Nirmala Sitharaman on Rahul Gandhi: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पर राहुल गांधी के कमेंट को गैर-जिम्मेदार करार दिया है। उन्होंने कहा कि मुझे कांग्रेस पर दया आती है।

 Rahul Gandhi and Nirmala sitharaman
राहुल गांधी और निर्मला सीतारमण।  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • आम बजट 2022-23
  • राहुल गांधी ने बजट को जीरो बताया था
  • निर्मला सीतारमण ने पलटवार किया है

नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट भाषण के बाद कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि बजट जीरो है और इसमें कुछ नहीं है। इस पर अब सीतारमण ने राहुल पर पलटवार करते हुए कहा है कि राहुल को बजट की समझ ही नहीं है, उन्हें पहले इसे समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि राहुल हमेशा गैर-जिम्मेदार टिप्पणियां करते हैं और उन्होंने बिना होमवर्क किए बजट पर टिप्पणी की है।

वित्त मंत्री ने कहा, 'मुझे उन लोगों पर दया आती है, जो बहुत जल्दी प्रतिक्रिया देते हैं। केवल इसलिए कि आप ट्विटर पर कुछ टिप्पणी करना चाहते हैं, यह आपके काम नहीं आएगा। पहले उन्हें कांग्रेस शासित राज्यों में कुछ करना चाहिए और तब इसके बाद इसके बारे में बोलना चाहिए।' इससे पहले राहुल गांधी ने कहा था कि आम बजट में वेतनभोगी वर्ग, मध्यम वर्ग, गरीबों, किसानों, युवाओं और छोटे कारोबारियों के लिए कुछ नहीं है। राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा था, 'मोदी सरकार के बजट में कुछ नहीं है। मध्यम वर्ग, वेतनभोगी वर्ग, गरीब और वंचित वर्ग, युवाओं, किसानों और एमएसएमई के लिए कुछ नहीं है।'

कांग्रेस पार्टी ने आलोचना करते हुए कहा है कि बजट में गरीब, किसान और बेरोजगार के लिए कुछ नहीं है, इस बजट में सिर्फ जुमले हैं। मोदी सरकार ने देशवासियों की उम्मीदों को झटका दिया, बजट वेतनभोगी और मध्यमवर्ग की उम्मीदों को झटका है। कोरोना काल में वेतन कटौती और कमरतोड़ महंगाई झेल रहे मध्यमवर्ग को निराशा ही हाथ लगी है। इसके अलावा राज्यसभा में कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने बजट पर कहा कि ये गरीब को और गरीब बनाने और रोजगार छीनने वाला बजट है।

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राहुल के ट्वीट और कांग्रेस की आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि जिस नाजुक अर्थव्यवस्था को उन्होंने (कांग्रेस) पीछे छोड़ दिया है, उसे पुनर्जीवित करना एक कठिन काम रहा है। महामारी के समय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'प्रोत्साहन पैकेजों में इतना देने के बाद हमें बहुत संघर्ष करना पड़ता है और बिना सोचे-समझे इस तरह की टिप्पणी करने पर तो मुझे केवल उस पार्टी पर दया आ सकती है, जिसके पास एक ऐसा नेता है, जो बिना सोचे समझे टिप्पणी करता है।'

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सीतारमण ने राहुल गांधी को चुनौती दी कि जो वह हमसे कह रहे हैं, उस पर खुद अमल करने की कोशिश क्यों नहीं करते। कुछ राज्यों में उनकी भी सरकारें हैं। उन्होंने उनसे सवाल किया कि क्या पंजाब में बेरोजगारी की कोई समस्या नहीं है? क्या महाराष्ट्र में किसान अच्छा कर रहे हैं? महाराष्ट्र में अब भी कपास किसान आत्महत्या कर रहे हैं। राहुल गांधी ने इसे क्यों नहीं रोका? उन्होंने कहा, 'उनको पहले उन राज्यों की फिक्र करनी चाहिए, जहां उनकी पार्टी का शासन है। वो उन योजनाओं को लागू करें, जिनकी घोषणा केंद्र ने की है। वो पंजाब, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ पर ध्यान दें।'

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