बजट 2022: क्या है स्टैंडर्ड डिडक्शन और इसे क्यों बढ़ाया जाना चाहिए?

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Jan 13, 2022 | 12:29 IST

Union Budget 2022-23 Income Tax Slabs and Rates Expectations: वेतनभोगी करदाताओं के लिए केंद्रीय बजट 2022-23 में सरकार स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ा सकती है।

Budget 2022 What is standard deduction and why should it be increased
बजट 2022: क्या है स्टैंडर्ड डिडक्शन और इसे क्यों बढ़ाया जाना चाहिए? (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • फिलहाल स्‍टैंडर्ड डिडक्‍शन की सीमा 50000 रुपये है।
  • बजट 2022 में इस छूट में बढ़ोतरी की मांग उठ रही है।
  • 2019 में इसे 40000 से बढ़ाकर 50000 रुपये किया गया था।

Union Budget 2022-23 Income Tax Slabs and Rates Expectations: आगामी केंद्रीय बजट 2022-23 के लिए कर विशेषज्ञों ने वेतनभोगी कर्मचारियों के वेतन पर उपलब्ध स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि की सिफारिश की है। उनका कहना है कि भारत में घर से काम (work from home) करने वाले कर्मचारियों को टैक्स में राहत मिलनी चाहिए।

स्टैंडर्ड डिडक्शन में बदलाव की जरूरत
स्टैंडर्ड डिडक्शन का उद्देश्य वेतनभोगी व्यक्ति के लिए परिवहन और चिकित्सा व्यय की भरपाई करना था। हालांकि घर से काम करने वालों के लिए परिवहन लागत में कमी आई है, लेकिन अन्य खर्च जैसे कार्यालय की आपूर्ति, स्टेशनरी, बिजली और इंटरनेट के बिल में वृद्धि हुई है। साथ ही महामारी के कारण चिकित्सा खर्च भी बढ़ गया है। इसलिए, महामारी के बाद की वास्तविकताओं को दर्शाने के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन में बदलाव की आवश्यकता है।

Budget 2022-23 Income Tax Expectations: घर से काम कर रहे कर्मियों को बजट से उम्मीदें, बढ़ सकती है स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट

क्या है स्टैंडर्ड डिडक्शन? (What is Standard Deduction)
यह सकल वेतन से कटौती होने वाली एक फ्लैट राशि है, जो व्यक्ति की कुल कर योग्य आय को कम करती है। इससे कर व्यय कम हो जाता है। यह एक कर्मचारी के सकल वेतन से काट लिया जाता है और बिना किसी खर्च के सबूत के छूट के रूप में दावा किया जाता है।

कोई भी आयकर कटौती विभाग द्वारा करदाता को राहत देने के लिए दी जाती है। वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए परिवहन और चिकित्सा भत्ते के एवज में केंद्रीय बजट 2018-19 में 40,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन शुरू की गई थी। जबकि इससे पहले, वेतनभोगी व्यक्तियों को उनकी कर योग्य आय से राहत के लिए दावा करने के लिए 19,200 रुपये और 15,000 रुपये का परिवहन भत्ता और चिकित्सा भत्ता उपलब्ध था। बाद में बजट में स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50,000 रुपये तक बढ़ा दिा गया।

इसे क्यों बढ़ाया जाना चाहिए?
कर्मचारियों के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन में वृद्धि का सीधा असर टैक्स पर पड़ेगा। माना जा रहा है कि कर्मचारी घर के किराए भत्ते, भोजन या कार के लाभ के तहत उपलब्ध छूटों में से अधिकांश का दावा करने में सक्षम नहीं हैं, लेकिन स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाने से टेक-होम वेतन में सुधार हो सकेगा।

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