साल 2040 तक 20 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन सकता है भारत: CEA

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Jun 09, 2022 | 12:01 IST

मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने कहा कि भारत आज ऐसी स्थिति में है जहां उसे वैश्विक वृहद मौद्रिक नीतियों और राजनीतिक घटनाक्रमों दोनों की वजह से कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

Chief Economic Advisor Anantha Nageswaran address at Azadi Ka Amrit Mahotsav
मजबूत है भारतीय अर्थव्यवस्था की बुनियाद : CEA (Pic: iStock) 

नई दिल्ली। वित्त मंत्रालय द्वारा 'आजादी का अमृत महोत्सव' (Azadi Ka Amrit Mahotsav) के तहत आयोजित विशेष साप्ताहिक समारोह में मुख्य आर्थिक सलाहकार (CEA) अनंत नागेश्वरन (Anantha Nageswaran) ने कहा कि अगर देश की जीडीपी हर सात साल में दोगुनी होती है, तो भारत साल 2040 तक 15,000 डॉलर प्रति व्यक्ति आय के साथ 20 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने कहा कि मध्यम अवधि के लिहाज से अर्थव्यवस्था की बुनियाद मजबूत है। बाकी देशों के मुकाबले आर्थिक चुनौतियों से निपटने के लिए भारत की स्थिति बेहतर है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा अनुमान जताया गया है कि साल 2026-27 तक भारत की अर्थव्यवस्था 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े को पार कर सकती है।

भारत के सामने कई चुनौतियां 
आगे मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा कि इस साल भारत के सामने सतत उच्च वृद्धि, महंगाई को नीचे लाने और राजकोषीय घाटे को संतुलन में रखने की चुनौतियां होंगी। इन सबके अलावा यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता होगी कि भारतीय रुपये का एक्सटर्नल मूल्य कायम रहे।

उन्होंने कहा कि इन चुनौतियों सका सामना करने के लिए पहले से तय रूपरेखा या कई विकल्प नहीं हो सकते हैं। इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए वित्त मंत्रालय पूरी तरह तैयार है। नागेश्वरन ने कहा कि महंगाई की मौजूदा चिंता को छोड़कर देखें। भारत अपनी वित्तीय प्रणाली के बूते पिछले 10 सालों से बाहर आ गया है। सिर्फ बैंकों और फाइनेंस सेक्टर का बही-खाता ही नहीं सुधरा है, बल्कि कॉरपोरेट सेक्टर की स्थिति भी बेहतर हो गई है।

अहम भूमिका निभाएंगे सरकार के संरचनात्मक सुधार
सीईए ने कहा, सरकार के माल एवं सेवा कर (GST) और आईबीसी जैसे कुछ संरचनात्मक सुधारों का असर अस्थायी तौर पर महामारी और भू-राजनीतिक तनाव जैसे घटनाक्रमों की वजह से दिखाई नहीं दे रहा है। लेकिन इनके बादल छंटने के बाद ये संरचनात्मक सुधार भारत की वृद्धि दर को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएंगे।

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