निजीकरण के खिलाफ 3 दिन हड़ताल करने वाले कोल इंडिया के मजदूरों का कटेगा 8 दिन का वेतन

बिजनेस
भाषा
Updated Jul 08, 2020 | 12:03 IST

Strike against Coal India Privatization : कोल इंडिया के निजीकरण के खिलाफ तीन दिनों तक हड़ताल करने वाले कोयला श्रमिकों की आठ दिनों का वेतन काटा जाएगा।

Coal India workers went on strike for 3 days against privatization, to be cut 8 days salary
हड़ताल करने वाले कोल इंडिया मजदूरों का कटेगा वेतन 
मुख्य बातें
  • श्रमिक कोयले के कॉमर्शियल खनन की अनुमति के खिलाफ दो जुलाई से तीन दिन हड़ताल पर थे
  • तीन दिन की हड़ताल के दौरान महानदी कोलफील्ड्स के 20,000 श्रमिकों में से ज्यादातर काम पर नहीं आए थे
  • महानदी कोलफील्ड्स ने इस हड़ताल को गैरकानूनी बताया था

कोलकाता : कोल इंडिया (सीआईएल) की अनुषंगी महानदी कोलफील्ड्स लि. (एमसीएल) ने पिछले दिनों हड़ताल पर गए अपने कर्मचारियों का आठ दिन का वेतन काटने की घोषणा की है। कंपनी के श्रमिक कोयले के कॉमर्शियल खनन की अनुमति के खिलाफ दो जुलाई से तीन दिन हड़ताल पर थे। एमसीएल ने मंगलवार को इस बारे में नोटिस जारी किया। एमसीएल ने इस हड़ताल को गैरकानूनी बताया था। सूत्रों का कहना है कि तीन दिन की हड़ताल के दौरान एमसीएल के 20,000 श्रमिकों में से ज्यादातर काम पर नहीं आए थे। यह दूसरा मौका है जबकि हड़ताल की वजह से श्रमिकों का वेतन काटा जा रहा है। 

अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले 2010 में भी इसी तरह का आदेश जारी किया गया था। उस समय कर्मचारियों का एक वर्ग एक दिन ही हड़ताल पर गया था। नोटिस में कहा गया है कि लखनपुर ओसीपी, बेलपहल ओसीएम, लिलारी ओसीसी और लखनपुर के महाप्रबंधक कार्यालय के कर्मचारी एमसीएएल के सत्यापित स्थानीय आदेश के नियम 26.10 का उल्लंघन कर गैरकानूनी हड़ताल में शामिल हुए।

तीन जुलाई को जारी नोटिस में कहा गया है कि कर्मचारियों की अनुशासनहीता की वजह से वेतन संहिता कानून, 2019 के तहत उनका आठ दिन का वेतन काटने का आदेश दिया जा रहा है। ओसीपीसी से तात्पर्य खुली खदान परियोजना से है। ओसीएम खुली खान को कहा जाता है।

नोटिस में कहा गया है कि उप मुख्य श्रमायुक्त, कोलकाता के संज्ञान में यह मामला है और औद्योगिक विवाद कानून, 1947 के प्रावधानों के तहत सुलह-सफाई की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में हड़ताल में शामिल औद्योगिक विवाद कानून के विभिन्न प्रावधानों का उल्लंघन है।

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