नई दिल्ली: दिवाली पर इस साल बाजार में अच्छी-खासी रौनक देखी गई और इसी का परिणाम रहा कि ब्रिकी (Diwali Shopping) ने सारे पुराने रिकॉर्ड धवस्त कर दिए। कोविड महामारी के चलते पिछले साल बाजार में काफी नरमी देखी गई थी लेकिन इस बार बाजारों में जमकर खऱीददारी हुई जिसकी बदौलत त्योहारी कारोबार 1.25 लाख करोड़ रुपये का हो गया। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार इस साल के कारोबारी आंकड़े ने दिवाली पर पिछले 10 साल के बिक्री के रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया है।
एक दौर था जब बाजार चीनी आइटमों से भरा रहता था लेकिन इस बार बाजार में चीनी माल (Chinese Goods)बहुत कम देखने को मिला। सीमा पर चीन की हरकतों का असर भारतीय घरेलू बाजार में साफ तौर पर देखा गया। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स की मानें तो भारतीय उपभोक्ताओं ने इस बार भारतीय सामानों को वरीयता दी (Vocal for local) जिससे चीनी निर्यातकों को 50,000 करोड़ रुपये से अधिक के कारोबार का सीधा नुकसान हुआ।
बाजार में लगातार हो रही खरीद की बदौलत दो वर्षों से जारी आर्थिक मंदी काफी हद तक कम हो गई है। आगामी शादियों के सीजन की तैयारियों में जुटे कारोबारियों को इसे लेकर भी खासा उत्साह है। CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और महासचिव प्रवीण खंडेलवाल की मानें तो इस साल के दिवाली त्योहार में पूरे देश में लगभग 1.25 लाख करोड़ रुपये की खरीददारी हुई और अकेले दिल्ली में 25 हजार करोड़ का कारोबार हुआ जो पिछले एक दशक में अब तक का रिकॉर्ड आंकड़ा है।
उपभोक्ताओं ने भारतीय उत्पादों को तरजीह दी जिससे छोटे स्तर पर काम करने वाले कारीगरों और व्यापारियों को भी फायदा हुआ। मिट्टी के दीये, मोमबत्ती की मांग काफी रही। वहीं सूखे मेवे, कपड़े तथा खिलौने जूते और घड़ियों की मांग में भी इस बार ठीक-ठाक इजाफा देखने को मिला।
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