कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट केस: सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या की याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें अदालत की अवमानना का दोषी ठहराए जाने के 2017 के फैसले की समीक्षा का आग्रह किया गया था।

Contempt of court case: Supreme Court dismisses fugitive industrialist Vijay Mallya's petition
भगोड़ा उद्योगपति विजय माल्या 

सुप्रीम कोर्ट ने आज (31 अगस्त) भगोड़े उद्योगपति विजय माल्या की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 2017 के फैसले की समीक्षा करने के लिए अदालत की अवमानना के लिए दोषी ठहराया गया था। माल्या ने अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों के लिए 40 मिलियन डॉलर ट्रांसफर करने के लिए अवमानना का दोषी मानते हुए मई 2017 के अपने आदेश की समीक्षा की मांग की थी।

कोर्ट ने इसने मामले में पक्ष सुनने के बाद 27 अगस्त को मामले में आदेश सुरक्षित रख लिया था। माल्या 9,000 करोड़ रुपए से अधिक के बैंक लोन डिफॉल्ट मामले में एक अभियुक्त है, जिसमें उसकी किंगफिशर एयरलाइंस शामिल है और वर्तमान में वह यूके में रह रहे हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने 9 मई, 2017 को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व वाले बैंकों के एक संघ द्वारा एक याचिका पर आदेश जारी किया था, जिसमें दावा किया गया था कि उसने ब्रिटिश फर्म डियाजियो से प्राप्त 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों के लिए कथित रूप से विभिन्न ज्यूडिशिल आदेशों का उल्लंघन करते हुए ट्रांसफर कर दिए थे।

उस समय, शीर्ष अदालत अवमानना कार्रवाई करने के लिए लोन देने वाले बैंकों की दलीलों से निपट रही थी और माल्या को क्रमशः 40 मिलियन डॉलर की ऑफसोर फर्म डियाजियो से बैंकों में जमा करने के लिए माल्या को निर्देश देने की मांग कर रही थी। बैंकों ने तब माल्या पर तथ्यों को छिपाने का आरोप लगाया था और  कहा था कि अपने बेटे सिद्धार्थ माल्या और बेटियों लीना माल्या और तान्या माल्या को कर्नाटक हाई कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों के उल्लंघन करते हुए मनी को डावर्ट किया था।

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