Cooking oil price today, 16 August: पामोलीन तेल में सुधार, अन्य में गिरावट, जानिए ताजा भाव

बिजनेस
भाषा
Updated Aug 17, 2020 | 12:22 IST

Cooking oil rate today, 16 अगस्त 2020 :  देश में घरेलू तेलों में आयातित तेलों के मिश्रण की छूट से उद्योगों में आयातित तेलों की खपत अधिक जबकि घरेलू तेलों की खपत कम होती है। जानिए आज का रेट।

Cooking oil price today, Improvement in palmolein oil, decline in others, know latest rates on 16 August 2020
खाने वाले तेल तिलहन का भाव  |  तस्वीर साभार: BCCL

Cooking oil/oilseed price today, 16 August 2020 : दिल्ली तेल-तिलहन बाजार में बीते सप्ताह मांग बढ़ने से कच्चे पॉम तेल और रिफाइंड पामोलिन तेल की कीमतों में सुधार रहा जबकि अन्य तेल तिलहनों में गिरावट का रुख रहा। बाजार सूत्रों ने कहा कि कच्चे पामतेल के आयात शुल्क में 130 रुपये क्विन्टल की वृद्धि हुई है। लेकिन पामतेल की वैश्विक मांग में भी वृद्धि हुई है जिससे स्थानीय बाजार में पामतेल कीमतों में सुधार आया। पिछले महीने विदेशों से सोयाबीन डीगम का भारी मात्रा में आयात किया गया। देश में सरसों के अलावा कई देशी तेलों में ‘ब्लेडिंग’ की छूट होने से भी सोयाबीन डीगम की खपत बढ़ी है। यही वजह है कि सोयाबीन डीगम के साथ बाकी सोयाबीन तेलों में सुधार रहा।

सूत्रों ने बताया कि एमसीएक्स में सीपीओ सितंबर डिलीवरी अनुबंध का भाव 7,300 रुपए है जबकि आयात मूल्य 7,800 रुपए बैठता है। वहीं हाजिर बाजार में इसी तेल का भाव 7,400 रुपए चल रहा है। ऐसे में कुछ आयातक अपने बैंक साख पत्र चक्र को जारी रखने के लिये महंगा आयात कर सस्ते भाव पर बेच रहे हैं। इससे बाजार में बाकी तेल तिलहनों के भाव भी दबाव में आ जाते हैं और विशेषकर किसान के साथ साथ स्थानीय तेल मिलों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

बाजार सूत्रों का कहना है कि सहकारी संस्था हाफेड और नाफेड द्वारा 4,830-4,860 रुपए प्रति क्विन्टल (बारदाना और अन्य खर्चे सहित) पर सरसों की बिकवाली से सरसों कीमतों पर भी दबाव रहा और उसमें मामूली गिरावट हुई। राजस्थान, मध्य प्रदेश में किसानों के पास मूंगफली का भारी स्टॉक जमा है और नई उपज भी जोरदार रहने की संभावना है। कारोबारियों को इससे भाव दबाव में आने की चिंता सता रही है।

नाफेड और हाफेड की सरसों बिकवाली के कारण समीक्षाधीन सप्ताहांत में सरसों तिलहन 65 रुपए घटकर 5,085-5,135 रुपए प्रति क्विन्टल रह गई। सरसों तेल दादरी 120 रुपए घटकर 10,280 रुपये प्रति क्विन्टल रह गया। वहीं सरसों पक्की और कच्ची घानी तेलों की कीमतें 30-30 रुपये की हानि दर्शाते क्रमश: 1,585-1,725 रुपये और 1,695-1,815 रुपये प्रति टिन रह गये।

मांग प्रभावित होने से मूंगफली तिलहन और मूंगफली तेल गुजरात की कीमत में क्रमश: 25 रुपये और 50 रुपये प्रति क्विन्टल तथा मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल में 20 रुपये प्रति टिन की गिरावट आने से भाव क्रमश: 4,575-4,625 रुपये, 11,950 रुपये और 1,780-1,840 रुपये क्विंटल रहे।

विगत महीने सोयाबीन तेल का रिकॉर्ड आयात होने तथा किसानों के पास पहले का भारी स्टॉक बचा होने के साथ ही आगामी पैदावार बम्पर रहने की उम्मीद के बीच सोयाबीन दाना और लूज के भाव क्रमश: 10 और पांच रुपये गिरकर क्रमश: 3,615-3,640 रुपये और 3,350-3,415 रुपये क्विन्टल पर रहे। जबकि सोयाबीन दिल्ली, सोयाबीन इंदौर और सोयाबीन डीगम तेल क्रमश: 150 रुपये, 20 रुपये और 30 रुपये की हानि के साथ क्रमश: 9,250 रुपये, 9,100 रुपये और 8,220 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुए।

मांग बढ़ने से कच्चा पाम तेल (सीपीओ) और पामोलीन आरबीडी दिल्ली और पामोलीन कांडला तेल की कीमतें पिछले सप्ताहांत के मुकाबले 50 रुपये, 100 रुपये और 50 रुपये के सुधार के साथ क्रमश: 7,400 - 7,450 रुपये, 8,950 रुपये तथा 8,150 रुपये प्रति क्विन्टल पर बंद हुईं।

सूत्र बताते हैं कि देश में घरेलू तेलों में आयातित तेलों के मिश्रण की छूट से उद्योगों में आयातित तेलों की खपत अधिक जबकि घरेलू तेलों की खपत कम होती है। इसका सीधा असर घरेलू उत्पादन पर पड़ता है। उन्होंने कहा कि सरकार को तेल- तिलहन मामले में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए सस्ते आयात को नियंत्रित करने, बेपड़ता कारोबार वाले आयातकों पर लगाम लगाने के साथ ही देश में ब्लेंडिंग पूरी तरह प्रतिबंधित करनी चाहिये।

सूत्रों ने कहा कि देशी तेलों का उपयोग बढ़ने से महंगाई बढ़ने की चिंता गैर-वाजिब है बल्कि इसके कई फायदे होंगे। एक तो स्थानीय तेल मिलें पूरी क्षमता से काम कर सकेंगी, देशी तेलों की खपत बढ़ेगी, किसानों को फायदा होगा और उन्हें अच्छी कीमत के इंतजार में स्टॉक बचाकर नहीं रखना पड़ेगा। तेल मिलों के चलने से रोजगार बढ़ेंगे, तेल आयात पर खर्च की जाने वाली विदेशी मुद्रा बचेगी, उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य की सुरक्षा होगी उनका खर्च बचेगा। उन्होंने कहा कि इन उपायों से उल्टे महंगाई और कम हो सकती है।

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