Crude Oil Price: रूस-यूक्रेन में जारी जंग, लेकिन सस्ता हो गया कच्चा तेल, ये है वजह

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Mar 04, 2022 | 16:29 IST

Crude Oil Price: सिर्फ तीन दिनों के कारोबार में दोनों वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट और ब्रेंट क्रूड बेंचमार्क में लगभग 30 फीसदी की वृद्धि आई है।

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Crude Oil Price: रूस-यूक्रेन में जारी जंग, लेकिन सस्ता हो गया कच्चा तेल, ये है वजह (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • शुक्रवार को कच्चा तेल वायदा 0.94 फीसदी गिरा।
  • इसके बाद इसकी कीमत 8,262 रुपये प्रति बैरल पर आ गई।
  • आज WTI कच्चा तेल 0.66 फीसदी बढ़कर 108.38 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा था।

Crude Oil Price: साल 2008 के बाद उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद गुरुवार को अमेरिकी तेल करीब 3 फीसदी नीचे बंद हुआ। ईरानी परमाणु समझौता (Iranian nuclear deal) बाजार में कच्चे तेल की ताजा आपूर्ति ला सकता है।

इतना हुआ यूएस क्रूड ऑयल का दाम
यूएस क्रूड का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (West Texas Intermediate, WTI) बेंचमार्क 2.93 डॉलर या 2.7 फीसदी की गिरावट के साथ 107.67 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। जबकि पहले यह बढ़कर 116.57 डॉलर हो गया था, जो सितंबर 2008 के बाद से सबसे उच्च स्तर है।

चार दिनों में पहली बार फिसला ब्रेंट क्रूड
डब्ल्यूटीआई के साथ, वैश्विक तेल बेंचमार्क ब्रेंट (Brent Crude Oil) 2.47 डॉलर या 2.2 फीसदी गिरकर 110.46 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। यह चार दिनों में पहली बार फिसला।

Tehran के 2015 के परमाणु समझौते को फिर से सक्रिय करने के लिए ईरान और वैश्विक शक्तियों के बीच वार्ता में तेज प्रगति का सुझाव देने के बाद तेल की कीमत प्रभावित हुई। ईरानी मीडिया ने परमाणु वार्ता में रूस के मुख्य वार्ताकार Mikhail Ulyanov के हवाले से कहा कि अगले कुछ दिनों में एक समझौता होने की संभावना है, जिससे बाजार में तेहरान के तेल की वैध वापसी का मार्ग प्रशस्त होगा।

ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों - संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस - जर्मनी के साथ मूल रूप से 2015 में एक परमाणु समझौते पर सहमत हुए थे, जो तेहरान को तब तक तेल निर्यात करने की अनुमति देगा जब तक कि उसने परमाणु हथियार विकसित नहीं किए। लेकिन 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अमेरिका को सौदे से बाहर कर दिया और ईरानी तेल पर प्रतिबंध लगा दिए। ट्रंप के इस कदम से पहले ईरान का कच्चे तेल का निर्यात औसतन 2.4 मिलियन बैरल प्रति दिन था।

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