नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के अभूत खतरे के बीच दिल्ली विधानसभा ने सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार का 65,000 करोड़ रुपये के बजट पेश किए जाने के साथ उसे पारित करने की औपचारिकता तुरत-फुरत में पूरी की।विधानसभा का बजट सत्र करीब 90 मिनट की बैठक के बाद संपन्न हो गया।
कोरोना वायरस महामारी रोकने के लिये 31 मार्च तक आवश्यक सेवाओं को छोड़कर बाजार, कारखाने, दफ्तर और परिवहन सेवाएं लगभग बंद होने के बीच यह बजट पेश किया गया।दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने 2020-21 के लिये 65,000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। आम आदमी पार्टी के पिछले महीने विधानसभा चुनाव में भारी जीत के बाद सत्ता में आने के पश्चात यह उनका पहला बजट है।
सिसोदिया ने बजट पेश करते हुए कहा कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय पिछले पांच साल में 44 प्रतिशत बढ़ी है।बजट में शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर दिया गया है। केजरीवाल के विकास मॉडल में ये दोनों क्षेत्र सबसे ऊपर हैं।बजट पेश करते हुए सिसोदिया ने कहा कि प्रत्येक स्कूल में डिजिटल कक्षाएं स्थापित की जाएंगी। इसके लिये बजट में 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट में अगले वित्त वर्ष में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिये कुल 7,704 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। कोरोना वायरस से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिये 2020- 21 के बजट में 50 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
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