DGCA के निर्देश, एयरपोर्ट्स को सख्ती से करना होगा इन नियमों का पालन

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Jun 20, 2022 | 18:17 IST

नागरिक उड्डयन महानिदेशालय एयरपोर्ट्स और हवाई अड्डों पर काम करने वाले कर्मचारियों के लिए नियम लागू करता है। महामारी के मद्देनजर यात्रियों के लिए भी कई नियम लागू किए गए।

DGCA asked airports to follow guidelines pertaining to wildlife hazard management
एयरपोर्ट्स को सख्ती से करना होगा इन नियमों का पालन  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • यात्रियों की सुरक्षा के लिए डीजीसीए समय- समय पर निर्देश जारी करता है।
  • एयरलाइन कंपनियों के लिए DGCA के नियमों का पालन करना जरूरी होता है।
  • नियमों का उल्लंघन करने पर उनपर जुर्माना लगाया जाता है।

नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने देश के सभी एयरपोर्ट्स से कहा है कि वे एयरक्राफ्ट ऑपरेशनल सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वाइल्डलाइफ हजार्ड मैनेजमेंट (Wildlife Hazard Management) से संबंधित दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करें। दरअसल मानसून के मौसम के दौरान हवाई अड्डों और उसके आसपास पक्षियों और जानवरों की गतिविधि बढ़ जाती है। ऐसे में हवाई क्षेत्र के आसपास उनकी आवाजाही एयरक्राफ्ट ऑपरेशनल सुरक्षा के लिए एक गंभीर खतरा बन जाती है। इसलिए विमानन नियामक ने यह निर्देश जारी किए हैं।

हवाई अड्डों को जारी एडवाइजरी में डीजीसीए ने कहा कि, 'सभी एयरपोर्ट्स से अनुरोध है कि वे किसी भी अंतराल के लिए अपनी वाइल्ड लाइफ हजार्ड प्रबंधन योजना की समीक्षा करें और हवाई क्षेत्र के अंदर और बाहर भी वाइल्ड लाइफ हजार्ड मैनेजमेंट के लिए रणनीतियों का सख्त पालन सुनिश्चित करें।'

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एयरपोर्ट्स के लिए जारी अन्य निर्देश
आगे अपने निर्देश में डीजीसीए ने कहा है कि सभी एयरपोर्ट्स को यह सुनिश्चित करना होगा कि समय पर घास की छंटाई की जाए और इंसेक्टिसाइड का छिड़काव किया जाए। गाइडलाइंस में बर्ड चेजर और उन्हें डराने वाले डिवाइज का इस्तेमाल करने को भी कहा गया है। साथ ही उन्हें यह भी देखना होगा कि ऑपरेशनल क्षेत्र में नियमित रूप से गार्बेज डिस्पोज किया जा रहा है। डीजीसीए ने यह भी कहा कि पानी की कंसेंट्रेशन और खुले नाले नहीं होने चाहिए।

अंतर्राष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (ICAO) द्वारा किए गए कई सर्वे से पता चला है कि एयरलाइंस एक दिन में औसतन 30 से 35 पक्षी हमलों का सामना करती हैं। हालांकि राहत वाली बात यह है कि लगभग 90 फीसदी से ज्यादा मामलों में किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। डीजीसीए ने यात्रियों के लिए विमान के फेस मास्क पहनना अनिवार्य किया हुआ है।

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