CEA अनंत नागेश्वरन ने कहा, महामारी के बाद अर्थव्यवस्था को तैयार करने के लिए अपनाई गई 4 रणनीतियां

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Jan 31, 2022 | 18:01 IST

Economic Survey 2022: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ आज बजट सत्र शुरू हुआ। इसके बाद वित्त मंत्री ने संसद के दोनों सदनों में इकोनॉमिक सर्वे पेश किया और देश के नए मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।

Economic Survey 2022: chief economic advisor anantha nageswaran press conference
CEA अनंत नागेश्वरन ने कहा, महामारी के बाद की अर्थव्यवस्था को तैयार करने के लिए अपनाई 4 रणनीतियां  |  तस्वीर साभार: ANI
मुख्य बातें
  • केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों में आर्थिक सर्वे पेश किया।
  • वित्त वर्ष 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था में 8 फीसदी से 8.5 फीसदी की वृद्धि हो सकती है।
  • चालू वित्तीय वर्ष के लिए 9.2 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।

Economic Survey 2022: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) द्वारा संसद में आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट (Economic Survey of India 2022) पेश करने के कुछ घंटों बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) वी अनंत नागेश्वरन ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया और आर्थिक सर्वेक्षण 2022 रिपोर्ट जारी की। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने कोविड महामारी से निपटने के लिए चार रणनीतियां अपनाई हैं। इसमें अर्थव्यवस्था को, खासतौर पर कमजोर क्षेत्रों को शॉर्ट टर्म सपोर्ट करना शामिल है। साथ ही मध्य अवधि के लिए वित्तीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करना और  सप्लाई चेन से जुड़े सुधार करना भी शामिल है।

प्रमुख आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने ब्योरा देते हुए कहा कि आर्थिक गतिविधियां महामारी से पहले के स्तर को पार कर चुकी हैं। सान्याल ने कहा, '2021-22 में आर्थिक गतिविधियां पूर्व-महामारी के स्तर पर पहुंच गई हैं। प्रधान आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल ने कहा कि कोविड​​​​-19 महामारी की दूसरी लहर की आर्थिक लागत पहली लहर की तुलना में बहुत कम थी।

लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित हुआ सेवा क्षेत्र
सान्याल का कहना है कि पिछले वर्ष में 7.3 फीसदी के संकुचन के बाद इस वर्ष अर्थव्यवस्था में 9.2 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है। आर्थिक सर्वेक्षण 2022 पेश करते हुए आज उन्होंने कहा कि COVID-19 लॉकडाउन से सेवा क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। यह पूर्व-महामारी से थोड़ा ही कम है। उन्होंने आगे कहा कि सेवा क्षेत्र, जिसमें पर्यटन, यात्रा और होटल शामिल हैं, अभी भी महामारी से पहले के स्तर से 8.5 फीसदी नीचे है। यह एक ऐसा क्षेत्र है जो अभी भी प्रभावित है।

विकास के लिए निर्यात रहा प्रमुख कारक
विकास के लिए निर्यात एक प्रमुख कारक रहा है और यह वे महामारी से पहले के ​​​​स्तरों से काफी ऊपर है। प्रधान आर्थिक सलाहकार ने आर्थिक सर्वे पेश करते हुए कहा कि आयात भी काफी बहुत मजबूत रहा है। कुल मिलाकर, जीडीपी पूर्व-महामारी के स्तर से 1.3 फीसदी ऊपर है।

महंगाई पर कही ये बात
महंगाई पर उन्होंने कहा कि वर्ष 2021 के दौरान मुद्रास्फीति लॉकडाउन और आपूर्ति श्रृंखला के कारण उत्पन्न व्यवधानों को दर्शाती है। उन्होंने आगे कहा कि जब से चीजें खुली हैं, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 5.6 फीसदी पर बना हुआ है।

स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था के लिहाज से अहम है टीकाकरण
मालूम हो कि आर्थिक समीक्षा ने महामारी की रोकथाम के लिए टीकाकरण को बेहद अहम बताया है। इसके मुताबिक, कोविड-रोधी टीका देश की बड़ी आबादी को लगना अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी बहुत अहम है। देश की 70 फीसदी से अधिक वयस्क आबादी को टीके की दोनों खुराकें लगाई जा चुकी हैं।

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