Ethanol Price Hike: कैबिनेट ने की एथनॉल की कीमत में वृद्धि, गन्ना किसानों को होगा फायदा

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Nov 10, 2021 | 18:00 IST

Ethanol Price Hike: बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक हुई, जिसमें अहम फैसले लिए गए। कैबिनेट कमेटी ने एथनॉल की कीमत में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है।

Union Minister Anurag Thakur
केंद्रीय मंत्रिमंडल एथनॉल की कीमत में वृद्धि की: Union Minister Anurag Thakur  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (CCEA) ने बुधवार को कई अहम फैसले लिए।
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एथनॉल की कीमत में 80 पैसे प्रति लीटर का इजाफा किया।
  • साथ ही सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) को बहाल कर दिया गया है।

Ethanol Price Hike: केंद्रीय मंत्रिमंडल (Union Cabinet) ने बुधवार को हुई बैठक में एथनॉल मिश्रित पेट्रोल कार्यक्रम के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों द्वारा एथनॉल की खरीद के लिए तंत्र को मंजूरी दे दी। आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने एथनॉल की कीमत (Ethanol Price) में 80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की। इस कदम से गन्ना किसानों को फायदा होगा और इससे पारंपरिक पेट्रोलियम उत्पादों के साथ एथनॉल का ज्यादा मिश्रण भी हो सकता है।

इतनी हुई एथनॉल की कीमत
सी हैवी शीरे (C heavy molasses) से एथनॉल की कीमत 45.69 रुपये से बढ़ाकर 46.66 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है, जबकि बी हैवी शीरे के लिए इसे 57.61 रुपये से बढ़ाकर 59.08 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। गन्ने के रस, चीनी या चीनी की चाशनी से एथनॉल की कीमत 62.65 रुपये से बढ़ाकर 63.45 रुपये प्रति लीटर कर दी गई है। कैबिनेट के अनुसार, प्रोग्राम के तहत जीएसटी (GST) और परिवहन शुल्क देय होगा और सार्वजनिक क्षेत्र के तेल उद्यमों (public sector enterprises) को 2G एथनॉल का मूल्य निर्धारण करने की स्वतंत्रता होगी।

एथनॉल मिश्रित पेट्रोल (Ethanol Blended Petrol) प्रोग्राम से पर्यावरण को लाभ होगा और एथनॉल आपूर्तिकर्ताओं के लिए मूल्य स्थिरता और लाभकारी मूल्य प्रदान करेगा। यह देश में उन्नत जैव ईंधन रिफाइनरियों (biofuel refineries) की स्थापना और गन्ना किसानों के लंबित बकाया को कम करने की सुविधा प्रदान करेगा। इतना ही नहीं, प्रोग्राम के तहत कच्चे तेल (crude oil) के आयात पर निर्भरता भी कम होगा और विदेशी मुद्रा में बचत होगी।

कैबिनेट द्वारा लिए गए अन्य फैसले
कैबिनेट ने अन्य फैसलों में भारतीय कपास निगम (Cotton Corporation of India) को 17,408.85 करोड़ रुपये के मूल्य समर्थन को अपनी मंजूरी दी। साथ ही CCEA ने कपास सीजन (अक्टूबर से सितंबर) 2014-15 से 2020-21 के दौरान कपास के लिए MSP ops के तहत नुकसान की प्रतिपूर्ति के लिए खर्च करने को भी मंजूरी दी। मंत्रिमंडल ने जूट वर्ष 2021-22 के लिए जूट पैकेजिंग सामग्री के लिए आरक्षण मानदंडों को मंजूरी दी। जूट मिलों में कार्यरत 0.37 मिलियन श्रमिकों को राहत मिलेगी। केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने बताया कि इससे 100 फीसदी अनाज और 20 फीसदी चीनी की पैकिंग जूट के थैलों में की जाएगी।

MPLADS योजना फिर से बहाल
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना (MPLADS) की बहाली और निरंतरता को मंजूरी दी। इसे वित्तीय वर्ष 2021-22 की शेष अवधि के लिए और 2025-26 तक बहाल किया गया है। महामारी के मद्देनजर इस योजना को पिछले साल निलंबित कर दिया गया था। 2021-22 की शेष अवधि के लिए दो करोड़ रुपये प्रति सांसद और वित्त वर्ष 2022-23 से 2025-26 के दौरान दो किस्तों में पांच करोड़ रुपये प्रति सांसद की दर से राशि जारी की जाएगी।

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