नई दिल्ली: इस सप्ताह घरेलू शेयर बाजारों की चाल मुख्य रूप से वैश्विक बाजार और विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुझानों तथा कोविड-19 के नए स्वरूप ओमिक्रॉन के संक्रमण की दर से प्रभावित होगी। विश्लेषकों के अनुसार कमजोर वैश्विक संकेतों के चलते पिछले सप्ताह बाजार दबाव में रहा और पूरे सप्ताह निवेशकों की धारणा कमजोर रही।
स्वास्तिक इंवेस्टमार्ट लिमिटेड के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘मुख्य रूप से वैश्विक बाजार, ओमिक्रॉन स्वरूप, डॉलर सूचकांक और एफआईआई के रुझानों से इस सप्ताह बाजार की चाल तय होगी।’ पिछले हफ्ते अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने कहा था कि वह मार्च से बॉन्ड खरीद को खत्म कर देगा, और उसने इसके बाद उधारी दर में बढ़ोतरी का दौर शुरू होने के संकेत भी दिए। रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (अनुसंधान) अजीत मिश्रा ने कहा, ‘किसी अन्य बड़ी घटना के अभाव में वैश्विक संकेत हमारे बाजार के रुझान को तय करेंगे। नए स्वरूप के कारण प्रतिभागी कोविड महामारी की स्थिति पर कड़ी नजर रख रहे हैं और इससे संबंधित सूचनाएं आने वाले दिनों में अस्थिरता पैदा करती रहेंगी।’
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के खुदरा अनुसंधान, ब्रोकिंग और वितरण के प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा, ‘नकारात्मक वैश्विक संकेत, एफआईआई की लगातार बिकवाली, किसी सकारात्मक संकेत के न होने और ओमीक्रोन के बढ़ते मामलों से बाजार पर दबाव जारी रहने की आशंका है।’ पिछले सप्ताह के दौरान बीएसई सेंसेक्स 1,774.93 अंक या 3.01 प्रतिशत टूट गया था, जबकि शुक्रवार को इसमें 889 अंक की गिरावट हुई।
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