'जब भोर अंधेरा होता है..' वित्त मंत्री निर्मला ने रविंद्रनाथ टैगोर की इन पंक्तियों का किया जिक्र

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण शुरू करते ही कहा कि उम्मीद पर दुनिया कायम है और सरकार हर तरह की परिस्थितियों से निपटने के लिए किसी भी तरह से पीछे नहीं हटेगी।

nirmala sitaraman
बजट भाषण में उन्होंने विश्वास बहाली की उम्मीद जताते हुए गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की पंक्तियां पढ़ीं 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) लोकसभा में आज अपना तीसरा बजट भाषण पढ़ा, उन्होंने जैसे ही इसको पढ़ने की शुरूआत की तो सदन में विपक्षी सदस्यों ने हंगामा करना शुरू कर दिया मगर हंगामे की बीच ही सीतारमण ने भाषण जारी रखा, बजट भाषण में उन्होंने विश्वास बहाली की उम्मीद जताते हुए गुरुदेव रवीन्द्रनाथ टैगोर की पंक्तियां पढ़ते हुए कहा, 'विश्वास वह पक्षी है जो प्रकाश को महसूस करता है और जब भोर अंधेरा होता है तो गाता है।' 

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए सरकार के 27.1 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत पैकेज से संरचनात्मक सुधारों को बढ़ावा मिला है।सीतारमण ने आम बजट में 64,180 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ आत्मनिर्भर स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अतिरिक्त होगा।

वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि भारत में कोविड-19 के दो टीके हैं तथा दो अन्य टीकों की पेशकश जल्द की जाएगी। उन्होंने कहा कि सबसे गरीब तबके के लाभ के लिए सरकार ने अपने संसाधनों को बढ़ाया है।

सीतारमण ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में अभूतपूर्व मंदी आई, बावजूद इसके भारत ने बेहतर प्रदर्शन किया,वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना के संकट के दौरान केंद्र सरकार ने गरीबों की हरसंभव मदद की गई। वित्त मंत्री ने कहा कि  लॉकडाउन के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना शुरू की गई। इससे 80 करोड़ लोगों को फायदा मिला। आठ करोड़ परिवारों को मुफ्त गैस सिलिंडर मिला बड़ी आबादी घर में थी। इसके बावजूद हेल्थ वर्कर, बैंक वर्कर, बिजली वाले, हमारे अन्नदाता और जवान नॉर्मल तरीके से काम करते रहे। 
 

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