आतिथ्य, पर्यटन क्षेत्रों के साथ वित्त मंत्री ने की बैठक, लोन संबंधी मुद्दों पर हुई चर्चा

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Feb 25, 2022 | 17:38 IST

Nirmala Sitharaman Meeting: आज वित्त मंत्री की यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ अहम बैठक हुई। इसकी जानकारी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट के जरिए दी।

Finance Minister Nirmala Sitharaman Meets Hospitality Tourism Sectors
आतिथ्य, पर्यटन क्षेत्रों के साथ वित्त मंत्री ने की बैठक, लोन संबंधी मुद्दों पर हुई चर्चा  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • सरकार ने स्वतंत्रता की 100वीं वर्षगांठ के अगले 25 साल को अमृत काल घोषित किया।
  • महामारी के बाद अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है: वित्त मंत्री
  • लोग चुन रहे हैं उद्यमिता का विकल्प: निर्मला सीतारमण

Nirmala Sitharaman Meeting: भारती अर्थव्यवस्था (Indian Economy) को उबारने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शुक्रवार को अहम बैठक की।

वित्त मंत्री ने यात्रा, पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस दौरान लोन से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई। 

बैठक में कौन-कौन था शामिल?
इस बैठक में वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और सरकारी क्षेत्र के बैंकों (PSB) के प्रमुख शामिल हुए। इनके अलावा नागरिक उड्डयन मंत्री ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया भी बैठक में शामिल थे। बैठक में वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड, वित्त सचिव, वित्तीय सेवाओं के सचिव, आर्थिक मामलों और राजस्व के सचिव और आईबीए के प्रमुख भी बैठक में शामिल हुए।

बजट में आतिथ्य और संबंधित सेवा क्षेत्र को मिली सौगात
मालूम हो कि 1 फरवरी 2022 को पेश हुए आम बजट 2022-23 (Budget 2022) में आतिथ्य और संबंधित सेवा क्षेत्र को आपातकालीन क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) के तहत अतिरिक्त 50,000 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव किया गया था। गारंटी कवर को बढ़ाकर पांच लाख करोड़ रुपये तक करने का प्रस्ताव रखा गया था।

ये है योजना का मकसद
आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज (Atmanirbhar Bharat Abhiyaan package) के तहत मई 2020 में घोषित इस योजना का उद्देश्य महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित स्मॉल, माइक्रो और मीडियम उद्यमों को राहत देना था।

इससे पहले 24 फरवरी 2022 को वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था को वृद्धि के उच्च स्तर पर ले जाने के लिए लघु उद्योग विकास बैंक (SIDBI) जैसे वित्तीय संस्थानों से कहा था कि वे आगामी 25 सालों में ज्यादा से ज्यादा लोगों के अनुकूल बनें।

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