सरकार ने उठाए कड़े कदम, अवैध लोन ऐप पर वित्त मंत्री ने की चर्चा

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भाषा
Updated Sep 09, 2022 | 18:46 IST

देश में बढ़ते फ्रॉड के मामलों के मद्देनजर केंद्र सरकार और सख्त हो गई है। वित्त और कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने अवैध लोन ऐप्स के मुद्दे पर बैठक की।

Finance Minister Nirmala Sitharaman to take measures to check operations of illegal loan
सरकार ने उठाए कड़े कदम, अवैध लोन ऐप पर की चर्चा  |  तस्वीर साभार: BCCL

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बिना पंजीकरण के अवैध तरीके से काम कर रहे ऋण ऐप (Loan Apps) से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने डिजिटल धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के बीच इस तरह के ऐप की जांच करने के लिए कई उपायों को लागू करने का फैसला भी किया। ज्यादातर डिजिटल ऋण देने वाले ऐप केंद्रीय बैंक के साथ पंजीकृत नहीं हैं और स्वयंभू रूप से संचालित होते हैं। डिजिटल ऋण ऐप के कुछ परिचालकों के कथित रूप से उत्पीड़न के कारण कर्ज लेने वालों में आत्महत्या के मामले भी बढ़ रहे हैं।

सभी कानूनी ऐप की लिस्ट तैयार करेगा आरबीआई
वित्त मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह फैसला किया गया कि आरबीआई (RBI) सभी कानूनी ऐप की एक सूची तैयार करेगा। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) यह सुनिश्चित करेगा कि केवल इन्हें ही ऐप स्टोर पर होस्ट किया जाए। आरबीआई ऐसे खातों की निगरानी करेगा, जिनका इस्तेमाल धन शोधन के लिए किया जा सकता है। साथ ही किसी दुरुपयोग से बचने के लिए निष्क्रिय एनबीएफसी (गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी) की समीक्षा की जाएगी।

वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि केंद्रीय बैंक यह भी सुनिश्चित करेगा कि भुगतान एग्रीगेटर्स का पंजीकरण एक समय सीमा के भीतर पूरा हो जाए और उसके बाद किसी भी अपंजीकृत भुगतान 'एग्रीगेटर' को काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। ऐसे ऐप के प्रसार को रोकने के लिए कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय (एमसीए) मुखौटा कंपनियों की पहचान करेगा और उनके दुरुपयोग को रोकने के लिए उनका पंजीकरण रद्द करेगा।

इसके अलावा, इन ऐप के बारे में ग्राहकों, बैंक कर्मचारियों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और अन्य संबंधित पक्षों के बीच साइबर जागरूकता बढ़ाने के लिए कदम उठाए जाएंगे। सीतारमण ने बैठक के दौरान खासतौर से कमजोर और निम्न-आय वर्ग के लोगों को भारी ब्याज दरों और छिपे हुए शुल्कों के साथ कर्ज देने वाले अवैध ऋण ऐप के बढ़ते मामलों पर चिंता जताई। बैठक में वित्त सचिव, आर्थिक मामलों के सचिव, राजस्व सचिव, एमईआईटीवाई सचिव और आरबीआई के डिप्टी गवर्नर सहित कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।

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