राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के लिए सरकार ने जारी किया फरमान, जानें क्या कहा

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Jan 20, 2022 | 12:35 IST

सरकार ने सभी मंत्रालयों और विभागों से अनुरोध किया गया है कि वे अपने खर्चे संशोधित अनुमान की सीमा के भीतर सीमित करें।

finance ministry asked ministries and departments to restrict their expenses
राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के लिए सरकार ने जारी किया फरमान, जानें क्या कहा  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • राजकोषीय घाटे को काबू में रखने के लिए सरकार ने फरमान जारी किया है।
  • चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.8 फीसदी रह सकता है।
  • इस साल बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू होगा।

नई दिल्ली। राजकोषीय घाटे (Fiscal Deficit) को निर्धारित लक्ष्य की सीमा में रखने के लिए वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने मंत्रालयों और विभागों को संशोधित अनुमानों के साथ अपने खर्चों को सीमित करने के लिए कहा है। केंद्रीय बजट 2022-23 (Union Budget 2022-23) से पहले वित्त मंत्रालय ने यह फरमान जारी किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) 1 फरवरी को बजट पेश करेंगी।

अनुपूरक अनुदान मांगों के तीसरे और अंतिम बैच के प्रस्तावों की मांग करते हुए वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले आर्थिक मामलों के विभाग ने कार्यालय ज्ञापन में मंत्रालयों और विभागों से कहा है कि वे अपने प्रस्ताव 10 फरवरी तक भेज दें।

इसमें कहा गया है कि, 'सभी मंत्रालयों और विभागों से अनुरोध किया गया है कि वे स्वीकृत संशोधित अनुमान सीमा के भीतर खर्च को शामिल करें।' सरकार ने 31 मार्च को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 6.8 फीसदी के राजकोषीय घाटे का अनुमान लगाया है।

8 अप्रैल तक चलेगा बजट सत्र
मालूम हो कि राजकोषीय घाटा करों और अन्य स्रोतों से व्यय और प्राप्तियों के बीच की कमी को पूरा करने के लिए सरकार के उधार का एक संकेत है। ज्ञापन में आगे कहा गया है कि अनुदान के तहत बचत की समीक्षा के बाद मांग प्रस्ताव बनाया जाना चाहिए। दो चरणों का बजट सत्र (Budget session) 31 जनवरी 2022 से शुरू होकर 8 अप्रैल 2022 तक चलेगा।

1 फरवरी को पेश होने वाला बजट मोदी सरकार का 10वां बजट होगा। कोरोना काल में इस बजट की अहमियत और भी बढ़ जाती है। बजट से पहले इकनॉमिक सर्वे (Economic Survey) पेश किया जाएगा। कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।

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