Financial Freedom : इस स्वतंत्रता दिवस पर वित्तीय आजादी प्राप्त करने के लिए इन 7 टिप्स को करें फॉलो

देश आज 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है। हर कोई वित्तीय आजादी भी चाहता है। आइए 7 टिप्स के जरिये इसे प्राप्त करने का तरीका जानें।

Follow these 7 tips to achieve financial freedom this Independence Day 
वित्तीय आजादी प्राप्त करने के तरीके जानिए (तस्वीर-istock) 
मुख्य बातें
  • वित्तीय आजादी का मतलब, जीवन जीने के लिए आपके पास पर्याप्त धन राशि हो।
  • वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए, अनुशासन, निरन्तरता और धैर्य की जरुरत होती है।
  • यहां बताए गए कुछ महत्वपूर्ण बातों पर विचार करेंगे जिससे वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करना संभव हो सकेगा।

आजादी के मायने हर किसी के लिए अलग होते हैं। उदाहरण के लिए, वित्तीय स्वतंत्रता वह स्थिति है, जब आपने पैसे से जुड़ी अपनी समस्याओं को हल कर लिया हो। इसका मतलब यह है कि आपके पास पर्याप्त धन राशि हो, जिससे आप अपने मौजूदा और भावी खर्चों को पूरा कर सकते हैं। यह ऐसी स्थिति भी हो सकती है जब आपकी कोई देयताएं (liabilities) नहीं हैं और सभी सुविधाओं के साथ जीवन जीने के लिए पर्याप्त पूंजी है। वित्तीय स्वतंत्रता का मतलब यह भी है कि नौकरी चले जाने या आय के साधन खत्म हो जाने जैसी किसी भी पैसे से जुड़ी इमरजेंसी की स्थिति में मैनेज करने में सक्षम हों। लेकिन, वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए, अनुशासन, निरन्तरता और धैर्य की जरुरत होती है। इसे प्राप्त करने के लिए कोई एक तरीका या मंत्र नहीं हो सकता है। लेकिन, सामूहिक रूप से अनेक फैक्टर्स के साथ आप वित्तीय स्वतंत्रता का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। इस लेख में हम उन कुछ महत्वपूर्ण बातों पर विचार करेंगे जिससे आपके लिए वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करना संभव हो सकेगा।

बजटिंग और बचत के मूल्य को समझना

वित्तीय स्वतंत्रता की दिशा में बजटिंग पहला कदम है। इससे न केवल आपको अपनी आमदनी की तुलना में अपने खर्च के पैटर्न के बारे में जानकारी मिलती है बल्कि आपको अपने फाइनेंसेज के बारे में अनुशासन भी बनाए रखने में मदद मिलती है। इससे आपको इच्छाओं और जरुरतों में फर्क करने में मदद मिलती है। बजटिंग के साथ डील करने की सही एप्रोच अपने जरूरी खर्चों को अलग करना, उनके लिए फंड्स निर्धारित करना और शेष राशि की बचत करना है। ऐसा करते समय, गैर-जरूरी खर्चों में कटौती की जानी चाहिए। बजटिंग के समय 50:30:20 रेश्यो की सिफारिश की जाती है, जिसके मायने हैं कि आपकी आय का 50% जरूरी खर्चे, 30% इच्छाओं के लिए, और शेष 20% राशि की बचत और निवेश किया जाना चाहिए।

अपना लक्ष्य तय करें

दूसरा महत्वपूर्ण कदम, जो वित्तीय स्वतंत्रता के लिए जरूरी हो सकता है, वह लक्ष्य तय करना है। ये लक्ष्य आपके जीवन और परिवार से खास तौर पर जुड़ रहते हैं, जैसे विवाह करना, बच्चों की शिक्षा और उनकी शादियों के लिए फाईनेंस की प्लानिंग करना, घर खरीदना आदि। जब आप अपने लक्ष्य तय कर लेते हैं, तो आप उन्हें कब प्राप्त करना है, इसके लिए समय तय करें। ऐसा करते समय जमीनी सच्चाई के साथ चलें। उदाहरण के तौर पर, हो सकता है आप 5-7 वर्ष में शादी करना चाहें या कार खरीदना चाहें। इसी तरह से, आपके बच्चों की शिक्षा और विवाह के लिए आपके पास 20-25 वर्ष का टाइमफ्रेम हो सकता है। जब आप अपने वित्तीय लक्ष्यों की पहचान कर लेते हैं, तो उनको पूरा करने की दिशा में काम करें। आप अपने लक्ष्यों के अनुसार समय रहते निवेश करने की शुरुआत कर सकते हैं। इससे आपको कम्पाउंडिंग (चक्रवृद्धि) लाभ वाले निवेश टूल्स के माध्यम से पर्याप्त पूंजी एकत्र करने के लिए काफी समय मिल जाएगा। हर महीने निवेश करने के लिए एक राशि तय करें। जब भी आपकी आय बढ़ती है या आपके पास सरप्लस पैसा होता है, तो उस रकम को बढ़ा दें।

ग्रोथ-ओरिऐन्टेड प्लान में अधिक निवेश करें

जब आप बचत करने की शुरुआत कर देते हैं, तो अगला कदम उन इंस्ट्रुमेंट्स में निवेश करना होता है जिससे आपको वांछित परिणाम मिल सकते हैं। ऐसा करते समय, अपनी आयु और जोखिम उठाने की क्षमता पर विचार करें। यहां पर अच्छी सम्पत्तियों में निवेश करना सबसे अधिक मायने रखता है। इसका अर्थ है कि अपने सारे पैसे को एक ही जगह निवेश न करें बल्कि उसका डायवर्सिफिकेशन करें। आप अपने पैसे को ग्रोथ-ओरिऐन्टेड निवेश स्कीमों में डायवर्ट करने पर विचार कर सकते हैं। जोखिम उठाने वाले व्यक्ति इक्विटी लिंक्ड इंस्ट्रुमेंट्स को चुन सकते हैं ताकि वे ग्रोथ के साथ-साथ कर बचत भी कर सकें। यहां पर इक्विटी म्यूचुअल फंड्स उपयोगी साबित हो सकते हैं। कम जोखिम उठाने की क्षमता रखने वाले व्यक्ति, अपने फंड्स को इक्विटी और डेट फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स में लगा सकते हैं। यह उपयुक्त रहेगा और इसकी सलाह दी जाती है कि इक्विटी में 70% तक का निवेश किया जाए। लंबे समय में डेट इंस्ट्र्मेंट्स से 7-9% सीएजीआर मिलती है, जबकि इक्विटी इंस्ट्रुमेंट्स से 15% या अधिक की रिटर्न मिल सकती है। उदाहरण के लिए, 15% सीएजीआर के साथ 20 साल के लिए ग्रोथ ओरिएंटेड फंड में 1,000/- रुपये का मासिक एसआईपी आपको 2.4 लाख रुपये के संचयी निवेश पर लगभग 13.29 लाख रुपये की कुल राशि देगा।

अपने लिए बीमा सुरक्षा प्राप्त करें

कोविड-19 संकट ने यह साबित कर दिया है कि जीवन का कोई भरोसा नहीं है और किसी भी समय आपात स्थिति पैदा हो सकती है। रोग या मौत के कारण वित्तीय आपातस्थितियों का सामना करने के लिए बीमा से जरूरी सुरक्षा मिलती है। यदि आप वित्तीय स्वतंत्रता चाहते हैं, तो आपको पर्याप्त बीमा कवर- टर्म और स्वास्थ्य दोनों पर विचार करना चाहिए। टर्म इंश्योरेंस प्लान से आपके न रहने की स्थिति में आपके परिवार को वित्तीय शील्ड प्राप्त होगी, और स्वास्थ्य बीमा प्लान से अचानक अस्पताल में भर्ती होने पर आप अपने खर्चों की देखभाल कर सकेंगे। आपका टर्म बीमा, आदर्श रूप से आपकी वार्षिक आय का 20 गुणा होना चाहिए। यदि आप 10 लाख रुपए प्रतिवर्ष कमाते हैं, तो 2 करोड़ रुपए का टर्म इंश्योरेंस पर्याप्त होगा। मौजूदा समय में, हेल्थ इन्शुरन्स (स्वास्थ्य बीमा) के लिए आपको कम से कम 10-15 लाख रुपए का चिकित्सा कवर प्राप्त करना चाहिए- इसमें आपका पूरा परिवार शामिल होना चाहिए- पति/पत्नी और बच्चे। यदि आपके कार्यालय द्वारा आपको स्वास्थ्य प्लान प्रदान किया गया है, तो भी कम्प्रेहेंसिव स्वास्थ्य बीमा प्राप्त करें।

आपातकालीन फंड तैयार करें

आपातकालीन फंड्स को कोविड-19 जैसे संकट के लिए तैयार किया जाता है। आपातकालीन फंड से अपने पास ऐसे समय के लिए धन राशि रखी जाती है, जब उदाहरण के लिए आप आय नहीं कमा पाते हैं या चिकित्सा संकट पैदा हो जाता है। एक आदर्श आपातकालीन फंड आपकी आय के कम से कम 3-6 महीने या आदर्श रूप से 6-12 महीने के बराबर होना चाहिए और यह आपकी महत्वपूर्ण वित्तीय वचनबद्धताओं जैसे होम लोन ईएमआई आदि को पूरा करने के लिए पर्याप्त होना चाहिए। जब तक आपकी नियमित आय फिर से शुरू नहीं हो जाती है, इस फंड से आप वित्तीय रूप से तनावमुक्त रह सकेंगे।

अधिक कमाएं

पैसे से आपको अधिक पैसा कमाने में सहायता मिल सकती है। अपने करियर को विकास पथ (ट्राजेक्ट्री) पर बनाए रखें, और ऐसा आप जॉब प्रोफाइल या जॉब को बदलकर कर सकते हैं। यदि संभव हो तो आप आय के अन्य वैध स्रोत जोड़ सकते हैं। यदि आपके पास एक से अधिक घर है, तो आप दूसरी वाली प्रॉपर्टी को किराए पर दे सकते हैं जिससे आपको मासिक किराए के रूप में नकद पैसा मिलता रहेगा। यदि पार्ट टाइम जॉब उपलब्ध हैं (आपके मौजूदा एम्प्लायर द्वारा उनकी अनुमति होनी चाहिए), तो आप उनको भी कर सकते हैं। यदि आपके पास अतिरिक्त सरप्लस हैं, मान लीजिए 5-20 लाख, तो इसे अपने बचत खाते में न रखें। बजाए इसके, ऐसी जगह निवेश करें जहां से आपको रिटायर होने पर या वित्तीय रूप से आत्म-निर्भर होने के लिए नियमित आय मिलती रहे। उदाहरण के लिए, ब्लूचिप स्टॉक्स जिनसे आपकी पूंजी में बढ़ोतरी होने के साथ-साथ, नियमित रूप से उपयोगी लाभांश भी मिलते हैं।

सही उद्देश्य से लोन लें और उसे जल्द से जल्द चुकता करें

आप कितने भी अनुशासित क्यों न हों, ऐसा समय आता है जब आपको लोन पर निर्भर रहना पड़ता है। आपको यह तय करना होगा कि आप सही उद्देश्यों के लिए लोन ले रहे हैं, जैसे होम लोन, न कि आप अपनी जीवन शैली से जुड़ी मांगों को पूरा करने जैसे फोन खरीदने के लिए लोन लेते हैं। वित्तीय रूप से स्वतंत्र होने के लिए, जितनी जल्दी हो सके अपने कर्ज को उतारना महत्वपूर्ण होता है। इससे आपका वित्तीय भार कम होगा और आपके पास उपयोग करने के लिए अधिक पैसा भी होगा। आप इस राशि का निवेश अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप वार्षिक बोनस का इस्तेमाल हाउसिंग लोन का समय से पहले भुगतान करने के लिए कर सकते हैं।

अंत में

खुद को जानना- अपनी क्षमताओं, ताकत, कमजोरियों, रूचियों और उन चीजों को जानना भी जरूरी है जिससे आपको खुशी मिलती है। इससे आपको अपनी खराब वित्तीय आदतों को नियंत्रित रखने में मदद मिलेगी और वित्तीय स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए योजना तैयार करने में मदद मिलेगी।

(इस लेख के लेखक, BankBazaar.com के CEO आदिल शेट्टी हैं)
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर दी जा रही है। बाजार जोखिमों के अधीन होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर सलाह लें।) ( ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

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