Garib Kalyan Rojgar Abhiyaan: रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को क्षेत्रीय रेलवे कार्यालयों और रेलवे पीएसयू के साथ बैठक के दौरान गरीब कल्याण रोजगार अभियान की प्रगति की समीक्षा की। क्षेत्रीय रेलवे कार्यालयों को चिह्नित जिलों में सभी निर्माणाधीन बुनियादी ढांचे से संबंधित कार्यों के क्रियान्वयन में तेजी लाने के निर्देश दिए गए हैं। करीब 160 बुनियादी ढांचागत कार्यों की पहचान की गई है, जिनमें तेजी लाई जानी है। इनसे हजारों कामगार जुड़ेंगे और अनुमानित तौर पर अक्टूबर, 2020 तक इनसे 8 लाख मानव दिवस रोजगार पैदा होंगे। इन जिलों में करीब 1,800 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
क्षेत्रीय रेलवे कार्यालयों को मनरेगा के अंतर्गत प्रस्तावित कार्यों के लिए स्वीकृति लेने के भी निर्देश दिए गए हैं। क्षेत्रीय रेलवे द्वारा दैनिक आधार पर कार्यों की निगरानी की जाएगी और अक्टूबर, 2020 के अंत तक हर शुक्रवार को मंत्रालय को इस संबंध में एक रिपोर्ट सौंपी जाएगी।
रेलवे ने ऐसे रेल कार्यों की भी पहचान की है, जिन्हें मनरेगा के माध्यम से पूरा कराया जा सकता है।
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन श्री विनोद कुमार यादव ने आज गरीब कल्याण रोजगार अभियान की प्रगति के संबंध में महाप्रबंधकों (जीएम) और मंडल रेल प्रबंधकों (डीआरएम) और पीएसयू के प्रबंध निदेशकों (एमडी) के साथ के वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से एक बैठक की। बैठक को संबोधित करते हुए श्री यादव ने क्षेत्रीय रेलवे को हर जिले के साथ ही राज्यों में नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करने के निर्देश दिए, जिससे राज्य सरकारों के साथ बेहतर समन्वय कायम किया जा सके। श्री यादव ने क्षेत्रीय स्तर के रेलवे प्रशासन को परियोजनाओं से प्रवासियों का जुड़ाव सुनिश्चित करने की दिशा में सक्रिय रूप से काम करने और इस क्रम में भुगतान करने के निर्देश दिए।
गौर हो कि पीएम मोदी मोदी ने कोविड-19 महामारी संकट से प्रभावित प्रवासी मजदूरों की बड़ी संख्या में घर वापसी को देखते हुए गांवों में सशक्त बनाने और आजीविका उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 20 जून, 2020 को गरीब कल्याण रोजगार अभियान नाम से एक व्यापक रोजगार सह ग्रामीण सार्वजनिक कार्य मुहिम का शुभारम्भ किया था। प्रधानमंत्री ने घोषणा की थी कि गरीब कल्याण रोजगार अभियान के अंतर्गत टिकाऊ ग्रामीण बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए 50,000 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय की जाएगी।
यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/ विभागों ग्रामीण विकास पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खनन, पेयजल एवं स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, नवीन एवं नवीनीकरण ऊर्जा, सीमावर्ती सड़कें, दूरसंचार एवं कृषि का मिला जुला प्रयास होगा। इससे 25 सार्वजनिक बुनियादी ढांचा कार्यों और आजीविका के अवसरों में बढ़ोतरी से संबंधित कार्यों के कार्यान्वयन में तेजी लाई जाएगी।
125 दिन के इस अभियान में एक मिशन के रूप में काम किया जाएगा, जिसमें 6 राज्यों बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा 116 जिलों में घर लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को ध्यान में रखते हुए 25 कटैगरी के कार्यों/ गतिविधियों के कार्यान्वयन पर जोर शामिल होगा। इस अभियान के दौरान 50,000 करोड़ रुपए के सार्वजनिक कार्य कराए जाएंगे।
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