चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में होगी भारी गिरावट, इंडिया रेटिंग्स और फिच का ये है अनुमान

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भाषा
Updated Sep 08, 2020 | 13:03 IST

घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च और फिच रेटिंग्स ने कहा कि चालू वित्त वर्ष ( 2020-21) में भारतीय अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट होगी।

GDP : Huge decline in Indian economy in current FY, India ratings and Fitch estimated
भारत की अर्थव्यवस्था में भारी गिरावट का अनुमान 

मुंबई : घरेलू रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था में 11.8 प्रतिशत की भारी गिरावट आएगी।
इंडिया रेटिंग्स ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में वृद्धि के अपने अनुमान को संशोधित कर -11.8 प्रतिशत कर दिया है। पहले उसने भारतीय अर्थव्यवस्था में 5.3 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था। उधर फिच रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष 2020-21 में भारतीय अर्थव्यवस्था में 10.5 प्रतिशत की भारी गिरावट का अनुमान लगाया है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 23.9 प्रतिशत की गिरावट आई है। यह दुनिया की प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में गिरावट के सबसे ऊंचे आंकड़ों में से है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से देश में सख्त लॉकडाउन लगाया गया था। इसे अर्थव्यवस्था में गिरावट की एक बड़ी वजह माना जा रहा है।

हालांकि, रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2021-22 में भारतीय अर्थव्यवस्था 9.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज करेगी। हालांकि, इसकी मुख्य वजह पिछले वित्त वर्ष का कमजोर आधार प्रभाव होगा। रेटिंग एजेंसी ने रिपोर्ट में कहा कि इंडिया रेटिंग्स का जीडीपी में 11.8 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान देश के इतिहास में अर्थव्यवस्था का सबसे कमजोर आंकड़ा होगा। देश में जीडीपी के आंकड़े 1950-51 से उपलब्ध हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह छठा मौका होगा जब देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट आएगी। इससे पहले वित्त वर्ष 1957-58, 1965-66, 1966-67, 1972-73 और 1979-80 में अर्थव्यवस्था में गिरावट आई थी। इससे पहले अर्थव्यवस्था में सबसे बड़ी गिरावट वित्त वर्ष 1979-80 में दर्ज हुई थी। उस समय अर्थव्यवस्था 5.2 प्रतिशत नीचे आई थी।

एजेंसी ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत की गिरावट, तिमाही जीडीपी आंकड़ों की श्रृंखला में पहली गिरावट है। यह श्रृंखला वित्त वर्ष 1997-98 की पहली तिमाही से उपलब्ध है। इंडिया रेटिंग्स का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में देश की अर्थव्यवस्था को 18.44 लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020-21 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.1 प्रतिशत पर रहेगी। वहीं थोक मुद्रास्फीति शून्य से 1.7 प्रतिशत नीचे रहेगी।

फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी यानी अक्टूबर-दिसंबर की तिमाही में जीडीपी में सुधार देखने को मिलेगा। हालांकि, इस बात के स्पष्ट संकेत हैं कि अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार सुस्त और असमान रहेगी। फिच ने कहा कि हमने चालू वित्त वर्ष के लिए जीडीपी के अपने अनुमान को संशोधित कर -10.5 प्रतिशत कर दिया है। जून में जारी वैश्विक आर्थिक परिदृश्य की तुलना में भारत की अर्थव्यवस्था में गिरावट के अनुमान को पांच प्रतिशत बढ़ाया गया है। फिच ने इससे पहले चालू वित्त वर्ष में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में पांच प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया था।

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