अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर राहत की खबर, Q1 में GDP में 20.1% की रिकॉर्ड ग्रोथ, लोअर बेस का फायदा

वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में GDP में 20.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इसे देखते हुए मौजूदा वित्त वर्ष में 9.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान हासिल किया जा सकता है।

GDP groeth
जीडीपी के मोर्चे पर राहत की खबर 
मुख्य बातें
  • पहली तिमाही में माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड, होटल आदि इंडस्ट्री में लॉकडाउन हटने का असर दिखा है।
  • पहली तिमाही में GDP 32.38 लाख करोड़ रुपये रही है। जो कि अभी कोरोना से पहले के दौर में यह इसी अवधि में 35.66 लाख करोड़ रुपये थी
  • मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 20.1 फीसदी की बढ़ोतरी के बावजूद GDP कोरोना दौर से पहले की स्थिति में नहीं आ पाई है।

नई दिल्ली। कोरोना दौर में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर है। वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में GDP में 20.1 फीसदी की रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। यह बढ़ोतरी पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि की तुलना में दर्ज की गई है। हालांकि GDP में यह बढ़ोतरी बीते वित्त वर्ष की इसी अवधि में 24.4 फीसदी की गिरावट के आधार पर हुई है। उस दौरान GDP गिरकर 26.95 लाख करोड़ हो गई  थी। साफ है कि मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 20.1 फीसदी की बढ़ोतरी के बावजूद GDP कोरोना दौर से पहले की स्थिति में नहीं आ पाई है। पहली तिमाही में GDP 32.38 लाख करोड़ रुपये रही है। जबकि 2019-20 की पहली तिमाही में यह 35.66 लाख करोड़ रुपये थी। हालांकि बीते कुछ तिमाही के आंकड़ों को देखते हुए 20.1 फीसदी ग्रोथ अच्छी उम्मीदें लेकर आई है।

मंगलवार को केंद्रीय सांख्यिकी क्रियान्वन कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों से साफ है कि देश से लॉकडाउन हटने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था पर कोरोनाका असर बना हुआ है। पहली तिमाही में माइनिंग, मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड, होटल आदि इंडस्ट्री में लॉकडाउन हटने का असर दिखा है। जिसकी वजह से 20.1 फीसदी की ग्रोथ दर्ज हुई है।

मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन में दिखा रिवाइवल 

पहली तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग, कंस्ट्रक्शन, होटल, ट्रेड आदि उद्योग धंधों के दोबारा खुलने का असर दिखा है। 20.1 फीसदी की ग्रोथ हासिल करने ने इन सेक्टर का खास तौर से योगदान दिखा है।

उद्योग वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तिमाही में ग्रोथ (फीसदी में) वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में ग्रोथ (फीसदी में)
कृषि, वानिकी और मत्स्य 3.5 4.5
माइनिंग  -17.2 18.6
मैन्युफैक्चरिंग -36.0 49.6
इलेक्ट्रिसिटी, गैस आदि -9.9 14.3
कंस्ट्रक्शन -49.5 68.3
ट्रेड, होटल, कम्युनिकेशन, ट्रांसपोर्ट आदि सर्विस क्षेत्र -48.1 34.3
रियल एस्टेट, प्रोफेशनल सर्विसेज आदि -5.0 3.7
पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, डिफेंस आदि -10.2 5.8

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के चीफ इकोनॉमिस्ट एंड एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सुजान हाजरा का कहना  है कि 20 फीसदी ग्रोथ उम्मीद से थोड़ी ज्यादा है। मौजूदा ग्रोथ को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था के अनुमान हासिल होना अब संभव लगता है। आरबीआई और आईएमएफ ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 9.5 फीसदी ग्रोथ का अनुमान लगाया है। हालांकि घरेलू मांग की तुलना में निर्यात क्षेत्र पर मांग ज्यादा देखी गई है। ऐसे में उम्मीद है जैसे-जैसे अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी, महंगाई में भी कमी आएगी और भारत मजबूत स्थिति में होगा।

कोरोना से अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका

पिछले डेढ़ साल से कोराना की वजह से अर्थव्यवस्था को तगड़ा झटका लगा है। वित्त वर्ष 2020-21 में लॉकडाउन और महामारी के प्रकोप के कारण अर्थव्यवस्था 7.3 फीसदी गिर गई थी। हालांकि आरबीआई का मानना है कि लॉकडाउन हटने और दूसरी लहर का प्रकोप खत्म होने से अब 2021-22 में ग्रोथ रेट में 9.5 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।

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