सोना-चांदी खरीदना होगा और भी महंगा, बढ़ गए हैं हॉलमार्किंग के चार्ज

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Sep 23, 2022 | 15:09 IST

Gold Hallmarking Charges: भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा को जारी एक नोटिफिकेशन के अनुसार, सोने और चांदी, दोनों के आभूषणों और कलाकृतियों के लिए हॉलमार्किंग शुल्क 10 रुपये बढ़ गया है।

Gold hallmarking charges increased check the latest rates and other details
Gold Hallmarking Charges: सोना खरीदना हुआ महंगा, बढ़ गए हैं हॉलमार्किंग के चार्ज (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • देश में सोने और चांदी की हॉलमार्किंग का दूसरा चरण 1 जून 2022 से लागू हुआ।
  • सोने और चांदी के आभूषणों की हॉलमार्किंग के लिए न्यूनतम खेप शुल्क में वृद्धि नहीं हुई है।
  • हॉलमार्किंग के दूसरे चरण में बीआईएस ने सोने के आभूषणों पर शुद्धता के संकेतों को संशोधित किया था।

नई दिल्ली। सरकार ने सोने और चांदी की हॉलमार्किंग के शुल्क में बढ़ोतरी कर दी है। भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) की एक नोटिफिकेशन के अनुसार, सोने के आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग शुल्क 35 रुपये से 45 रुपये हो गया है। साथ ही, चांदी के आभूषणों और कलाकृतियों पर हॉलमार्किंग शुल्क 25 रुपये से बढ़ाकर 35 रुपये प्रति आइटम कर दिया गया है। नवंबर 2019 में सरकार ने घोषणा की थी कि 15 जनवरी 2021 से पूरे देश में सोने के आभूषणों और कलाकृतियों की हॉलमार्किंग अनिवार्य कर दी जाएगी।

कैसे तय होता है हॉलमार्किंग शुल्क? (Gold Hallmarking Charges)
उल्लेखनीय है कि सोने या चांदी के हॉलमार्किंग शुल्क की गणना मान्यता प्राप्त टुकड़ों की संख्या के अनुसार की जाती है, न कि आभूषण या कलाकृतियों के वजन के अनुसार। मालूम हो कि भारतीय मानक ब्यूरो ने साल 2018 के बाद से पहली बार हॉलमार्किंग शुल्क में बढ़ोतरी की है। हॉलमार्किंग विनियम साल 2018 में ही पेश हुआ था।

कैसे पता चलता है सोना शुद्ध है या नहीं?

ज्वैलर्स को हॉलमार्किंग अपनाने और बीआईएस के साथ खुद को रजिस्टर करने के लिए एक साल से ज्यादा का समय दिया गया था। हालांकि, कोविड-19 महामारी के मद्देनजर नियम लागू करने के लिए ज्वैलर्स द्वारा और समय की मांग की गई थी। समय सीमा को चार महीने के लिए 1 जून तक बढ़ा दिया गया था।

आभूषणों में होते हैं ये मार्क
अनिवार्य हॉलमार्किंग उपभोक्ताओं को बेचने वाले ज्वैलर्स के लिए लागू है, जबकि उपभोक्ता बिना हॉलमार्क वाली ज्वैलरी भी जौहरी को बेच सकते हैं। ज्वैलर्स आभूषणों को पिघला सकते है और सिर्फ भारतीय मानक आईएस 1417:2016 में निर्दिष्ट ग्रेड 14, 18 या 22 कैरेट के नए आभूषण बना सकता है। उन्हें इसे फिर से बेचने से पहले हॉलमार्क करना होगा। जून 2022 से, सभी हॉलमार्क वाले सोने के आभूषणों में बीआईएस लोगो, शुद्धता का ग्रेड और छह अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड होता है, जिसे HUID भी कहा जाता है।

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