यात्रीगण कृपया ध्यान दें! जल्द सस्ती हो सकती है भारत-दुबई फ्लाइट टिकट

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Feb 21, 2022 | 18:22 IST

कोरोना वायरस महामारी को देखते रखते हुए नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने सभी शेड्यूल्ड अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध 28 फरवरी 2022 तक बढ़ाया था।

Air fares may come down as India Dubai flights are on track to reach pre-Covid levels
यात्रीगण कृपया ध्यान दें! जल्द सस्ती हो सकती है भारत-दुबई फ्लाइट टिकट (Pic: iStock) 
मुख्य बातें
  • केंद्र सरकार ने 23 मार्च 2020 को ही अंतरराष्ट्रीय उड़ानें निलंबित कर दी थीं।
  • देश में वंदे भारत की उड़ानें और बबल व्यवस्था के तहत उड़ानों की अनुमति दी गई है।
  • हाल ही सरकार ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों के लिए नई कोरोना गाइडलाइन भी जारी की थी।

नई दिल्ली। दुनिया भर में कोविड के मामलों (Covid Cases) की संख्या में कमी के साथ, अंतरराष्ट्रीय यात्रा कोविड से पहले के स्तरों तक पहुंचने की राह पर है। इसी के अनुरूप, नई दिल्ली ने दुबई के लिए और उड़ानों को भी मंजूरी दी है, जो यात्री किराए में कमी का संकेत है।

स्वास्थ्य मंत्रालय (Health ministry) द्वारा भारत-दुबई उड़ानों (India-Dubai flights) में वृद्धि की मंजूरी एयर बबल एग्रीमेंट के तहत मौजूदा 33,600 सीटों से प्रति सप्ताह 62,000 से अधिक (प्री- कोविड स्तर) है। हालांकि, नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने के प्रस्ताव को मंत्रालय से मंजूरी नहीं मिली है।

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उड़ानों की संख्या बढ़ने की उम्मीद
सरकार द्वारा नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू करने की योजना से पहले बबल व्यवस्था के तहत उड़ानों की संख्या बढ़ने की संभावना है। इसके अलावा, केंद्र सरकार मार्च के अंत से अंतरराष्ट्रीय उड़ानों (International Flights) को फिर से शुरू करने की योजना बना रही है।

यात्रियों को होगा बड़ा लाभ
ToI ने एयरलाइंस के सूत्रों का उल्लेख करते हुए कहा कि, दोनों देशों के बीच उड़ानों पर औसत भार 85 फीसदी है। ज्यादा उड़ानों का संचालन करना एक अच्छा विचार होगा। इससे भारतीय और दुबई स्थित वाहक दोनों को लाभ होगा। सबसे बड़ा लाभ यात्रियों को होगा। कम किराए की वजह से उन्हें फायदा होगा।'

उड़ानों की सीमा बढ़ाने का अनुरोध
सूत्रों ने कहा कि दुबई ने अगस्त और दिसंबर में बबल व्यवस्था के तहत उड़ानों में वृद्धि के लिए अनुरोध किया है। एक सूत्र ने दुबई द्वारा किए गए अनुरोध का कारण बताते हुए कहा कि, दुबई ने पहले उड़ानों की संख्या को सीमित करने का फैसला किया था। जैसे-जैसे यातायात बढ़ता गया, एयरलाइंस ने शारजाह के लिए उड़ानें जोड़ना शुरू कर दिया, जहां कोई प्रतिबंध नहीं थे। ऊपर बताए गए सूत्र के मुताबिक, शारजाह हवाईअड्डा एक समय में दुबई से 20 फीसदी अधिक उड़ानें संचालित कर रहा था। इसलिए, बबल व्यवस्था के तहत उड़ानों की सीमा को कोविड से पहले के स्तर तक बढ़ाने का अनुरोध किया गया था।

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