Onion prices drop : जमाखोरी के खिलाफ एक्शन में आई सरकार, 10 रुपए प्रति किलो तक गिरा प्याज का भाव

आसमान छूती प्याज की कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार एक्शन में आई। एक दिन में ही प्रति किलो 10 रुपए तक की गिरावट आई है।

Government came into action against hoarding, onion price dropped by Rs 10 per kg
प्याज के दाम में गिरावट  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • प्याज की होर्डिंग और मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए स्टॉक सीमा लागू की गई
  • दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे प्रमुख खपत वाले शहरों में प्याज का भाव 10 रुपए प्रति किलो तक गिरा
  • आवश्यक कमोडिटीज संशोधन अधिनियम लागू करने के एक दिन बाद ही प्याज की कीमत में इतनी गिरावट हुई

प्याज की कीमतें आम आदमी रो रुला रही हैं। इसको लेकर सरकार एक्शन आई। सरकार के आंकड़ों के मुताबिक होर्डिंग और मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए स्टॉक सीमा लागू करने के बाद दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे प्रमुख खपत वाले शहरों में थोक प्याज की कीमतों में 10 रुपए प्रति किलो तक की गिरावट आई है। उत्पादक क्षेत्रों में भी प्याज की कीमतों में गिरावट देखी गई। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र के लासलगांव में, एशिया के सबसे बड़े थोक प्याज बाजार में, प्याज की कीमतें सरकार की स्टॉक सीमा पर ऑर्डर के एक दिन बाद ही 5 रुपए प्रति किलोग्राम घटकर 51 रुपए प्रति किलोग्राम हो गई। 

गिरावट के बाद चेन्नई, मुंबई, बेंगलुरु और भोपाल में भाव

खपत वाले बाजारों में, सरकारी आंकड़ों से पता चला है कि चेन्नई में थोक प्याज की कीमतें 23 अक्टूबर को 76 रुपए प्रति किलोग्राम से घटकर 24 अक्टूबर को 66 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई हैं। इसी तरह, मुंबई, बेंगलुरु और भोपाल में भी दरें 5-6 रुपए प्रति किलो से घटकर क्रमश: 70 रुपए प्रति किलोग्राम, 64 रुपए प्रति किलोग्राम और 40 रुपए प्रति किलोग्राम हो गईं। कीमतों में गिरावट सिर्फ एक दिन में ही देखी गई। इन उपभोग बाजारों में प्याज के रोज आगमन में कुछ सुधार के बाद कीमतों में गिरावट आई।

मंडियों में बढ़ गई रोजाना आवक

आंकड़ों के अनुसार, दुनिया की सबसे बड़ी सब्जी मंडी दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्रति दिन आगमन 530 टन से अधिक हो गया, जबकि मुंबई में 885 टन से यह बढ़कर 1,560 टन हो गया। चेन्नई में प्रतिदिन आगमन 1,120 टन से 1,400 टन तक पहुंच गया। इसी तरह, बेंगलुरु के मंडियों में रोजाना आगमन 2,500 टन से बढ़कर 3,000 टन हो गया। हालांकि, लॉखनऊ, भोपाल, अहमदाबाद, अमृतसर, कोलकाता और पुणे जैसे शहरों में अभी आवक बढ़नी बाकी है।

आवश्यक कमोडिटीज संशोधन अधिनियम लागू 

23 अक्टूबर को, सरकार ने आवश्यक कमोडिटीज संशोधन अधिनियम लागू किया और खुदरा विक्रेताओं के लिए 2 टन और 31 दिसंबर तक थोक विक्रेताओं के लिए 25 टन की स्टॉक सीमा लागू की, ताकि कुछ खुदरा बाजारों में 100 प्रति किलो के भाव को छूने वाले कीमतों को कम किया जा सके।

जमाखोरी और फसल खराब होने से कीमतों बढ़ोतरी

एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि आगमन में सुधार से पता चलता है कि कुछ व्यापारी जमाखोरी कर रहे थे और कार्रवाई के डर से इसे उतारना शुरू कर दिया था। दूसरा कारण यह है कि प्याज एक खराब होने वाली वस्तु है और कोई इसे लंबे समय तक नहीं रख सकता है, विशेष रूप से भारी वर्षा वाले क्षेत्रों में। सरकार ने घरेलू उपलब्धता को बढ़ावा देने और मूल्य वृद्धि को रोकने के लिए कई उपाय किए हैं। इसने कमोडिटी के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया है आयात के नियमों में ढील दी। इसके अलावा, सरकार उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए खुदरा बाजार और प्रमुख मंडियों में बफर स्टॉक से प्याज जारी कर रही है।

प्याज उत्पादन में 6 लाख टन की गिरावट का अनुमान

महाराष्ट्र, कर्नाटक और आंध्रप्रदेश के प्रमुख उत्पादक राज्यों में भारी वर्षा के कारण प्याज की कीमतों में दबाव आया है जहां खरीफ की फसल को नुकसान पहुंचा है, जिससे अगले महीने से मंडियों में आने की उम्मीद है। सरकार इस खरीफ सीजन में प्याज उत्पादन में 6 लाख टन की गिरावट का अनुमान लगा रही है।

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