कच्चे तेल के डीरेगुलेशन को कैबिनेट ने दी मंजूरी, जानें इससे क्या होगा फायदा

बिजनेस
डिंपल अलावाधी
Updated Jun 29, 2022 | 17:58 IST

Crude Oil: कच्चे तेल के डीरेगुलेशन को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। 1 अक्टूबर 2022 से डीरेगुलेशन लागू होगा। अब कच्चे तेल को खुले बाजार में बेचने की छूट मिलेगी।

government gave nod to deregulation of sale of domestically produced crude oil
कच्चे तेल के डीरेगुलेशन को मिली मंजूरी:अनुराग ठाकुर (Pic: iStock) 

नई दिल्ली। बुधवार को केंद्र सरकार ने देश में कच्चे तेल का उत्पादन करने वाली इकाइयों को छूट देने का निर्णय लिया। सरकार ने घरेलू स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल (Crude Oil) की बिक्री को नियंत्रण मुक्त करने को अपनी मंजूरी दे दी है। यानी अब उन्हें अपनी इच्छा के अनुसार तेल बेचने की अनुमति दी गई है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद जानकारी दी कि इसे 1 अक्टूबर 2022 से लागू किया जाएगा।

आसान भाषा में समझें, तो अब कंपनियां अपना कच्चा तेल सरकारी कंपनियों के साथ घरेलू बाजार में किसी भी प्राइवेट कंपनी को बेच सकती हैं। उत्पादक अपने क्षेत्रों से उत्पादित कच्चा तेल घरेलू बाजार में बेचने के लिए स्वतंत्र हो जाएंगे। एक अक्टूबर 2022 से उत्पादन भागीदारी अनुबंध (PSC) में कच्चा तेल सरकार या उसके द्वारा नामित इकाइयों और सरकारी कंपनियों को बेचने की शर्त समाप्त हो जाएगी।

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कच्चे तेल के डीरेगुलेशन से क्या होगा?
कच्चे तेल के डीरेगुलेशन (Deregulation of Crude Oil) से सेक्टर में मूल्य निर्धारण और मार्केटिंग रिफॉर्म  होगा और साथ ही इससे कच्चे तेल के ज्यादा एक्सट्रैक्शन में भी मदद मिलेगी। अनुराग ठाकुर ने कहा कि सरकार के इस फैसले से तेल के आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी।

अब तक, तेल उत्पादकों को सिर्फ सरकारी आवंटन नीति के अनुसार ही तेल बेचने की अनुमति थी। इस कदम से कच्चे तेल के प्रत्येक बैरल से प्राप्ति में 5 फीसदी की वृद्धि होने की उम्मीद है। मुंबई हाई से कच्चे तेल की प्राप्ति में 7 से 8 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है।

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