नई दिल्ली। केंद्र ने वीडियो संचार और कॉलिंग ऐप्स के खिलाफ अपना रुख सख्त करते हुए मेटा के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप (WhatsApp), जूम (Zoom) और गूगल डुओ को दूरसंचार लाइसेंस के दायरे में लाने का प्रस्ताव पेश किया है। जैसा कि, दूरसंचार विधेयक-2022 के मसौदे में ओटीटी को दूरसंचार सेवा के हिस्से के रूप में शामिल किया गया है। हालांकि, सरकार ने उन प्रेस संदेशों को छूट देने का प्रस्ताव दिया है, जो केंद्र या राज्य सरकारों से मान्यता प्राप्त संवाददाता हैं, जिन्हें इंटरसेप्ट किया जा सकता है। मसौदे के अनुसार, दूरसंचार सेवाओं और दूरसंचार नेटवर्क के प्रावधान के लिए, लाइसेंस प्राप्त करना होगा। मसौदे पर सार्वजनिक टिप्पणी की आखिरी तारीख 20 अक्टूबर है।
एक अन्य महत्वपूर्ण खंड में, बुधवार देर रात जारी किए गए मसौदा विधेयक में दूरसंचार और इंटरनेट सेवा प्रदाताओं की फीस और जुमार्ना माफ करने का प्रस्ताव है। प्रेस संदेशों के लिए छूट, हालांकि, किसी भी सार्वजनिक आपात स्थिति के मामले में या सार्वजनिक सुरक्षा, संप्रभुता, अखंडता या भारत की सुरक्षा के हित में, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, सार्वजनिक व्यवस्था, या किसी को उकसाने से रोकने के लिए नहीं दी जाएगी। मसौदा बिल को आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया पर डाला। यदि कोई इंटरनेट या दूरसंचार सेवा प्रदाता लाइसेंस सरेंडर करने की पेशकश करता है तो शुल्क वापसी का भी प्रस्ताव है।
शुल्क को माफ कर सकती है सरकार
विधेयक के मसौदे में कहा गया है कि, केंद्र सरकार दूरसंचार नियमों के तहत किसी भी लाइसेंस धारक या पंजीकृत संस्था के लिए आंशिक रूप से या पूर्ण रूप से किसी भी शुल्क को माफ कर सकती है। इसमें प्रवेश शुल्क, लाइसेंस शुल्क, पंजीकरण शुल्क या कोई अन्य शुल्क या ब्याज, अतिरिक्त शुल्क अथवा जुमार्ना शामिल है।
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